Tuesday, 2 October 2012

द ग्रेट दिल्ली रॉबरी


 Published on 2 October, 2012
 अनिल नरेन्द्र
राजधानी के आपराधिक इतिहास में इतनी बड़ी लूट पहले कभी नहीं हुई थी जितनी बड़ी लूट डिफेंस कॉलोनी इलाके में शुकवार को हुई। वीआईपी नंबर प्लेट लगी हुई हुंडई वर्ना कार में आए हथियार बंद बदमाशों ने एक कैश वैन लूट ली। वैन में सवा पांच करोड़ रुपए बताए जा रहे हैं। कैश वैन में जीपीएस सिस्टम नहीं लगा था। यह रकम आईसीआईसीआई बैंक की थी जिसे पीमियर शील्ड पाइवेट लि. नामक एजेंसी का स्टाफ हौजखास स्थित बैंक की ब्रांच से निकाल कर ला रहा था। यह पैसा आईसीआईसीआई बैंक के विभिन्न एटीएम में डाला जाना था। आधा दर्जन हथियारबंद बदमाश वैन के गार्ड को गोली मारने के बाद कैश वैन लेकर फरार हो गए।  चोरी की हुंडई वर्ना कार में सवार लुटेरे अपनी कार मौके पर ही छोड़ गए। एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराए गए गनमैन मुन्नी सिंह की रात में मौत हो गई। शुकवार दोपहर करीब एक बजे लूटपाट की यह सनसनीखेज वारदात डी-12 डिफेंस कॉलोनी में बीआरटी कॉरिडोर के समीप स्थित नियर बास्केट आउटलेट के सामने हुई। करीब एक घंटे बाद पुलिस को लूटी गई कैश वैन दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर इलाके में लावारिस खड़ी मिली। वैन से दोनों गार्डों की बंदूकें और कैश से भरे संदूक को बांधने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली जंजीर मिली है। कैश से भरा संदूक गायब था। दिल्ली की इस ग्रेट रॉबरी में पुलिस को एक बड़ी कामयाबी मिलने का दावा किया गया है। दिल्ली पुलिस ने लूट में शामिल एक शख्स को गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस का यह भी कहना है कि पकड़े गए लुटेरे के पास से डेढ़ करोड़ रुपए की रकम बरामद हुई है। दक्षिण जिला पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी दीपक को पुष्प बिहार से हथियारों और कारतूस समेत पकड़ा गया है। वह आरके पुरम का घोषित बदमाश है। दीपक के कब्जे से बरामद डेढ़ करोड़ रुपए 500-500 के नोट के रूप में हैं और ये नोट एक बोरे में भरे थे। पुलिस के मुताबिक हफ्तेभर पहले 4 युवकों ने खिड़की इलाके में एक मकान किराए पर लिया था। यह चारों इस ग्रेट दिल्ली रॉबरी में शामिल थे। इन युवकों के नाम विजय, दीपक, हरीकृष्ण और शेखर हैं। इनमें से दीपक नाम के आरोपी को पुलिस ने डेढ़ करोड़ रुपए के साथ गिरफ्तार करने का दावा किया है। पुलिस के मुताबिक लूट की यह साजिश करीब तीन महीने पहले रची गई थी। लूटपाट के दौरान गार्ड मुन्नी सिंह का मोबाइल कैश वैन में ही गिर गया था। यही मोबाइल पुलिस के लिए केस को सुलझाने का अहम सुराग बन गया है। इस मोबाइल के सर्विलेंस से पुलिस को न केवल कैश वैन मिली बल्कि उसे इस केस को सुलझाने की अहम लीड भी मिल गई। गार्ड के मोबाइल की जब लोकेशन निकाली गई तो आखिरी लोकेशन मालवीय नगर में हौजरानी इलाके में आई। इसके बाद पुलिस कैश वैन तक पहुंच पाई थी। कैश वैन में गार्डों की लोड राइफल मिली हैं वह दोनों लोडेड थीं। वैन के शीशे खुले थे और खिड़कियें पर लॉक लगे थे। बदमाशों ने जहां दिन दहाड़े सवा पांच करोड़ लूटकर पुलिस को चुनौती दी है वहीं रेड अलर्ट की धज्जियां भी उड़ीं। यह केस दिल्ली पुलिस के लिए पतिष्ठा का केस है। हम उम्मीद करते हैं कि दिल्ली पुलिस जल्द ही इसे सुलझा लेगी।

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