Friday, 10 May 2013

पड़ोस में चुनाव ः नवाज शरीफ फिलहाल सबसे आगे




 Published on 10 May, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
पाकिस्तान में 11 मई को आम चुनाव होने जा रहा है। पाकिस्तान में आतंकी हमलों के बीच 11 मई को होने जा रहे चुनावों में कौन जीतेगा, यह कहना काफी मुश्किल है। कुल सीटें हैं 342। प्रत्यक्ष रूप से निर्वाचन 272। महिलाओं के लिए आरक्षित 60 और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं 10 सीटें। राजनीतिक रूप से सबसे शक्तिशाली है पंजाब प्रांत। यहां पर 148 सीटें हैं। यहां से 55 फीसदी सदस्य चुने जाएंगे। परम्परागत रूप से नवाज शरीफ और पीपीपी का गढ़ रहा है क्योंकि इस बार इमरान खान को भी कुछ क्षेत्रों में बढ़त मिलने की उम्मीद है। इस तरह पंजाब में त्रिकोणीय मुकाबला होने की उम्मीद है। सत्ता विरोधी लहर, आतंकी हमलों का खतरा और नेतृत्वविहीन होने के कारण पीपीपी को सबसे ज्यादा खामियाजा उठाना पड़ सकता है। इसके बाद सिंध आता है, जहां 61 सीटें हैं। मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (एमक्यूएम) का व्यापारिक केंद्र कराची और प्रांत के दूसरे बड़े शहर हैदराबाद में व्यापक प्रभाव है। खान अब्दुल गफ्फार खान सीमांत गांधी की अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) कड़ी टक्कर दे रही है। इसके बाद खैबरपख्तूनख्वा की 35 सीटों का नम्बर आता है। यहां इमरान खान और नवाज शरीफ की पार्टी के बीच मुकाबला है। इस क्षेत्र में एएनपी का वर्चस्व था लेकिन लगातार तालिबानी हमलों और भ्रष्टाचार मामलों के कारण उनकी ताकत कम हुई है। फिर आती है बलूचिस्तान (14), फेडरल एडमिनिस्टर्ड ट्राइबल एरियाज (फाटा) 14 सीटें और इस्लामाबाद 2 सीटें। इस चुनाव में मुख्य खिलाड़ी हैं नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी, इमरान खान। दुनिया की जानी-मानी सर्वे कम्पनी `गैलप' ने ताजा सर्वेक्षण में पाकिस्तान के राजनीतिक दलों की स्थिति का आंकलन किया है। गैलप के सर्वे के मुताबिक नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) को 41 फीसदी लोगों का समर्थन मिल रहा है और वह इस समय सबसे आगे हैं। इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी को 14 फीसदी लोगों का समर्थन मिल रहा है। वहीं राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) इस मामले में पिछड़ रही है, सर्वे के अनुसार उसे 17 फीसदी लोगों का समर्थन मिल रहा है। सुजात हुसैन के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-क्यू (पीएमएल-क्यू) को सिर्प 4 फीसद लोगों का समर्थन मिल रहा है। शेष दलों को 20 फीसदी वोट मिलेंगे। यह सर्वे अगर सही निकलता है तो एक बार फिर नवाज शरीफ प्रधानमंत्री बन सकते हैं। सेना के हाथों बेदखल हुए पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल-एन नेता नवाज शरीफ ने अब सेना की कठपुतली बनने से इंकार कर दिया है। नवाज ने कहा कि सत्ता में आने पर सेना उनके अधीन होगी और वह सेना के प्रमुख बॉस होंगे। नवाज ने संकेत दिए कि मौजूदा सेना प्रमुख जनरल अशफाक कयानी इस साल नवम्बर में रिटायर हो रहे हैं। कयानी को एक और विस्तार देने के सवाल पर उन्होंने बड़ी चतुराई से कहा कि मैं नहीं समझता कि वह आगे विस्तार के लिए इच्छुक हैं। देखें, चुनाव परिणाम क्या तस्वीर पेश करते हैं?

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