Published on 1 May,
2013
अनिल नरेन्द्र
बहुचर्चित आरुषि मर्डर कांड केस में कत्ल कैसे हुए
उसकी पूरी दास्तान सीबीआई के एएसपी एजीएल कौल ने अदालत में बयां कर दी। आरुषि-हेमराज
दोहरे हत्याकांड में मुख्य जांच अधिकारी रहे एजीएल कौल ने डिफेंस के चौथे दिन की जिरह
के दौरान कोर्ट में कहा कि 15/16 मई 2008 की आधी रात को राजेश अपने कमरे में जगे हुए
थे। इसी बीच उन्होंने कुछ आवाज सुनी। वे हेमराज के कमरे में गए। हेमराज कमरे में नहीं
था। डॉ. राजेश तलवार ने वहां रखी दो गोल्फ स्टिक में से एक को उठाया और आरुषि के कमरे
की ओर बढ़ गया। आरुषि के कमरे का दरवाजा बन्द नहीं था, सिर्प भिड़ा हुआ था। उन्होंने
दरवाजा खोला तो पाया कि आरुषि-हेमराज आपत्तिजनक स्थिति में थे। इससे बौखलाए राजेश ने
हेमराज के सिर पर गोल्फ स्टिक से वार किया। दूसरा वार करने पर गोल्फ स्टिक आरुषि के
माथे पर लगी। राजेश ने एक के बाद एक कई वार कर डाले। आवाज से जागी नूपुर तलवार भी आरुषि
के कमरे में पहुंच गईं। तब तक सिर में लगी चोट से हेमराज बेड के नीचे गिर गया था। हमलावर
दम्पति ने आरुषि की नब्ज देखी तो उसे मृत पाया। दोनों ने वहीं पर प्लान किया कि हेमराज
का कत्ल करके उसकी लाश को छिपा दिया जाए और मौका लगते ही उसे ठिकाने लगा दें। दोनों
ने हेमराज को चादर में डाला और घसीटकर उसे सीढ़ियों से छत तक ले गए। वहां धारदार छोटे
हथियार से उसका गला चीर दिया। इसके बाद छत पर रखे कूलर का पैनल निकालकर हेमराज की लाश
पर रख दिया। छत वाले दरवाजे में अन्दर की ओर से ताला लगा दिया। दोनों ने आरुषि के अस्त-व्यस्त
हो चुके सामान और खिलौनों को बिस्तर पर ठीक से रख दिया। बिस्तर पर चादर की सिलवटें
ठीक कीं और मर चुकी आरुषि का गला भी धारदार हथियार से काट डाला। नूपुर ने आरुषि के
प्राइवेट पार्ट को साफ किया और उसे अंडरवियर व पायजामा पहनाया। जहां-जहां खून गिरा
हुआ था, वहां-वहां सफाई की। इंटरनेट के राउटर से छेड़छाड़ की। अपने खून सने कपड़ों
और चादर को एक साथ रख दिया ताकि सुबह उन्हें डिस्पोज किया जा सके। छोटा धारदार हथियार
भी उन्हीं कपड़ों के साथ रख दिया। गोल्फ स्टिक भी साफ करके आरुषि के कमरे के सामने
बनी दुछत्ति में छिपा दी। बाहर का दरवाजा अन्दर से बन्द कर दिया गया। बीच का लोहे का
दरवाजा बाहर से बन्द कर दिया। इसके बाद दोनों
हेमराज के कमरे से होते हुए अन्दर चले गए। इस सबके दौरान राजेश बीच-बीच में व्हिस्की
पीते रहे। सुबह होने से पूर्व ही खून से सने कपड़े और धारदार हथियार बाहर ले जाकर छिपा
दिए गए और वापस फ्लैट में आकर 6 बजने का इंतजार करने लगे। सुबह जब नौकरानी भारती ने
आकर फ्लैट की घंटी बजाई तो नूपुर ने लकड़ी वाला दरवाजा खोला और वहीं से पूछा कि हेमराज
कहां है? इसके बाद नूपुर हेमराज के कमरे में गईं और वहां से चॉभी का गुच्छा लेकर आईं।
फिर भारती से कहा कि वह बालकनी से चॉभी नीचे फेंक रही हैं। फ्लैट के अन्दर आने पर भारती
ने तलवार दम्पति को रोते हुए पाया। नूपुर ने भारती से कहा कि देखो हेमराज क्या कर गया
है। इसके बाद नूपुर भारती को आरुषि के बैडरूम में ले गई। केस की सुनवाई जारी है। देखें,
डॉ. राजेश तलवार और उनकी पत्नी डॉ. नूपुर तलवार का क्या कहना है?
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