Friday, 17 May 2013

मोदी बनाम सिब्बल ः हिसाब-किताब बराबर करने का प्रयास




 Published on 17 May, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
अमेरिका बेशक गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को वीजा दे या नहीं, वह अमेरिका में बसे गुजराती मूल के लोगों तक अपनी पहुंच का रास्ता बना ही लेते हैं। मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए अमेरिका के 20 शहरों में रहने वाले अप्रवासी भारतीय समुदाय को संबोधित किया। इस बार भी निशाने पर थी कांग्रेस और उसकी नीत यूपीए सरकार। मोदी ने सोमवार को केंद्र पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि कमजोर नेता देश पर शासन कर रहे हैं। मैं जानता हूं कि अगर देश के शासक कमजोर हों तो कितना नुकसान होता है। आलोचक उन्हें फेंकू कहकर नवाजते हैं लेकिन उन्हें इससे कोई फर्प नहीं पड़ता। मोदी ने कहा कि  मैं यह देखकर स्तब्ध रह गया कि चीन ने अपनी सेनाओं को वापस अपने भूभाग में बुला लिया लेकिन मैं यह नहीं समझ पाया कि भारतीय सेना ने अपने बलों को भारतीय भूमि से क्यों पीछे किया? मेरा दिल्ली सरकार से सीधा सवाल है कि चीन हमारी जमीन में घुसकर वापस चला जाता है,यह एक बात है। लेकिन हम क्यों अपनी ही जमीन से पीछे हटते हैं। इससे आम आदमी के मन में सवाल उठते हैं। इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि क्या आप हमारे सैनिकों का सिर काटे जाने की कल्पना कर सकते हैं और कुछ दिनों बाद उस देश के प्रधानमंत्री को यहां चिकन बिरयानी पेश की जाती है। इससे सवाल उठते हैं। केंद्र की कांग्रेस नीत सरकार पर देश के 120 करोड़ लोगों का भरोसा नहीं रह गया है। चीन व पाकिस्तान आंख दिखा रहे हैं। विदेशी धरती पर देश के सपूत सरबजीत की हत्या कर दी गई फिर भी सरकार चुप रही। मोदी ने कहा कि लोग उनसे भारत के समक्ष मौजूद सबसे बड़ी चुनौती के बारे में पूछते हैं। मेरा मानना है कि देश का प्रत्येक संस्थाओं पर से विश्वास उठ गया है। हमें लोगों के बीच विश्वास बहाल करना होगा। यही सबसे बड़ी चुनौती है। उधर नरेन्द्र मोदी ने अमेरिका में  बसे अप्रवासी भारतीयों को संबोधित किया तो इधर दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने कानून मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार सम्भालने के बाद पहला काम यह किया कि नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधा। सिब्बल ने नरेन्द्र मोदी को घेरने तथा भाजपा से हिसाब-किताब बराबर करने के लिए दावा किया कि वह नरेन्द्र मोदी को लेकर जल्द ही एक बड़ा खुलासा करने वाले हैं। सिब्बल के मुताबिक उनके पास पर्याप्त सबूत हैं। सिब्बल के मुताबिक उनके इस खुलासे से मोदी और भाजपा का दोहरा मापदंड अपने आप सामने आ जाएगा। कानून मंत्री के अनुसार उनके पास इससे जुड़ा एक ईमेल है। सिब्बल इसे बड़ा सबूत बताते हुए कहते हैं कि इसके सामने आते ही बहुत कुछ अपने आप साफ हो जाएगा। समझा जा रहा है कि सिब्बल का गुजरात के मुख्यमंत्री के बारे में यह खुलासा 2002 में गोधरा में ट्रेन आगजनी के बाद सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ा है। दरअसल कांग्रेस पार्टी पवन बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफे के बाद तिलमिलाई हुई है। ऐसे में इसे मोदी पर सिब्बल के वार को हिसाब-किताब बराबर करने के रूप में देखा जाना चाहिए।

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