Friday, 17 May 2013

सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में फंसे भाजपा दिग्गज गुलाब चंद कटारिया




 Published on 17 May, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
बहुचर्चित सोहराबुद्दीन एनकाउंटर केस में सीबीआई ने राजस्थान के पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया को आरोपी बनाया है। सोहराबुद्दीन बता दें कि उदयपुर के हिस्ट्रीशीटर हमीद लाल की हत्या का मुख्य आरोपी  था। अहमदाबाद में 26 नवम्बर 2005 को पुलिस मुठभेड़ में सोहराबुद्दीन शेख मारा गया था। बाद में मुठभेड़ के फर्जी होने के आरोप लगे। उसके भाई रुबाबुद्दीन की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई को सौंपी है। साथ ही केस की सुनवाई गुजरात से बाहर कराने के निर्देश भी दिए थे। सीबीआई की ओर से इस मामले में मुंबई की अदालत में मंगलवार को पेश की गई पूरक चार्जशीट में गुलाब चंद कटारिया सहित चार लोगों को आरोपी बनाया गया है। इस पर आईपीसी की 120बी, 302, 364, 365, 368, 341, 342 और 201 धाराएं लगाई गई हैं। कटारिया के साथ जिन लोगों (तीन अन्य) के नाम सीबीआई की चार्जशीट में हैं, उनमें राजस्थान के सबसे बड़े मार्बल व्यवसायी परिवार के सदस्य विमल पाटनी व एन. बाल सुब्रह्मण्यम और जी. श्रीनिवास राव हैं। चार्जशीट में सीबीआई ने कटारिया को सोहराबुद्दीन मामले में गुजरात के तत्कालीन गृहमंत्री अमित शाह और राजस्थान के मार्बल व्यवसायी विमल पाटनी के बीच की कड़ी माना है। उल्लेखनीय है कि नवम्बर 2005 में हुए सोहराबुद्दीन फर्जी मुठभेड़ के समय राजस्थान और गुजरात दोनों राज्यों में भाजपा की ही सरकारें थीं। कटारिया राजस्थान में वसुंधरा राजे की सरकार में गृहमंत्री थे। कटारिया राजस्थान भाजपा के एक बड़े नेता भी हैं। वे मेवाड़ और बागढ़ इलाके के खासे लोकप्रिय हैं और यहां उनका करीब 40 साल से ज्यादा का राजनीतिक जीवन बीता है। फर्जी मुठभेड़ मामले में सीबीआई के घेरे में आने वाले कटारिया राजस्थान भाजपा के दूसरे नेता हैं। इससे पहले राजेन्द्र सिंह राठौड़ राजस्थान में ही हुए दरिया फर्जी मुठभेड़ मामले में गिरफ्तार होकर जेल की हवा खा चुके हैं। हालांकि बाद में एक निचली अदालत ने उनको इन आरोपों से  बरी कर दिया लेकिन यह मामला अभी भी राजस्थान हाई कोर्ट में विचाराधीन है। सोहराबुद्दीन मामले में राजस्थान कैडर के एक आईपीएस अधिकारी दिनेश एमएन सहित करीब आधा दर्जन पुलिसकर्मी पहले से ही अहमदाबाद की जेल में बंद हैं। इससे पहले गुजरात के पूर्व गृहमंत्री अमित शाह इसी मामले में अपनी कुर्सी गंवा चुके हैं। उन्हें जेल में भी रहना पड़ा था। पूरक आरोप पत्र में सीबीआई ने कहा कि सोहराबुद्दीन ने उदयपुर के आरके मार्बल के निदेशक विमल पाटनी से 24 करोड़ की रंगदारी मांगी थी। इससे परेशान पाटनी  ने राजस्थान के तत्कालीन गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया से बात की। गुलाब चंद ने अमित शाह से बात की। बाद में गुजरात पुलिस के एटीएस के डीआईजी बंजारा के जरिए सोहराबुद्दीन का एनकाउंटर करवा दिया गया। इस ताजा घटनाक्रम ने राजस्थान की सियासत में उबाल ला दिया है। इस साल नवम्बर में राजस्थान के विधानसभा चुनाव भी होने हैं जिसमें भाजपा की अच्छी स्थिति बताई जा रही है। देखना यह होगा कि गुलाब चंद कटारिया जैसे भाजपा दिग्गज के इस केस में फंसने से चुनाव पर क्या असर पड़ेगा?

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