Tuesday, 14 May 2013

एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में बुरे फंसे गोपाल कांडा




 Published on 14 May, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
एयर होस्टेस गीतिका सुसाइड केस में शुक्रवार को हरियाणा के पूर्व गृह राज्यमंत्री गोपाल कांडा और सह आरोपी अरुणा चड्ढा केस में बुरी तरह फंस गए हैं। शुक्रवार को अदालत ने कांडा के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने के अलावा दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौनाचार के आरोपों के तहत भी मुकदमा चलाने का आदेश दिया। रोहिणी स्थित जिला जज एसके सरवरिया की अदालत ने दोनों आरोपियों के खिलाफ एयर होस्टेस को खुदकुशी के लिए उकसाने, आपराधिक साजिश, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और आईटी एक्ट की धाराओं में भी आरोप तय किए हैं। पुलिस ने कांडा और अरुणा के खिलाफ दाखिल की गई एफआईआर और आरोप पत्र में दुष्कर्म से संबंधित आरोप नहीं लगाए थे लेकिन सुबूतों को देखते हुए कोर्ट ने दोनों पर दुष्कर्म, कुकर्म और उसके लिए उकसाने की धाराओं में भी आरोप तय किए। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह खुलासा हुआ कि प्रथम दृष्टया गीतिका के साथ बलात्कार व अप्राकृतिक यौनाचार हुआ था। न्यायाधीश ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर कहा कि अक्तूबर 2006 से जून 2012 के बीच कांडा ने गुड़गांव स्थित एमडीएलआर कार्यालय और दूसरे कई स्थानों पर एयर होस्टेस से दुष्कर्म किया और कुकर्म किया। दुष्कर्म के आरोप तय किए जाने के कारण जिला जज ने मामले को फास्ट ट्रैक कोर्ट के विशेष न्यायाधीश एमसी गुप्ता की अदालत में सुनवाई के लिए भेजने का निर्देश देते हुए दोनों आरोपियों को वहां पेश करने का भी निर्देश दिया। अदालत में सुनवाई के दौरान यह खुलासा हुआ कि गोपाल कांडा ने गीतिका से शारीरिक संबंध बनाए थे। वह कांडा से विवाह करना चाह रही थी। इसके लिए उसने दबाव भी बनाया, लेकिन कांडा ने बहाना बनाते हुए शादी से इंकार कर दिया था। इससे गीतिका को सदमा लगा था। वह कांडा से मिलना नहीं चाह रही थी, जबकि वह उस पर वापस लौटने का लगातार दबाव डाल रहा था। अदालत ने कहा कि आरोपी अरुणा चड्ढा ने 10 अगस्त 2012 को पुलिस को दिए अपने इकबालिया बयान में यह खुलासा किया है कि उसने गोपाल कांडा के कहने पर ही गीतिका का कई बार गर्भपात कराया। उसने पुलिस को उन जगहों के बारे में भी बताया जहां गर्भपात कराया गया था। अरुणा उसे 9 मार्च 2012 को लाजपत नगर स्थित डॉ. विशाखा मुंजाल की क्लिनिक पर गर्भपात कराने के लिए ले गई थी। डॉ. मुंजाल ने भी पुलिस की पूछताछ में इस तथ्य को स्वीकार किया है। अदालत ने अपने पर्यवेक्षण में पाया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी गीतिका के साथ शारीरिक संबंध बनाने का खुलासा किया गया है। उसके द्वारा सुसाइड नोट में यह लिखा जाना कि उन्होंने उसकी जिन्दगी को नरक बना दिया है यह वाक्य सीधे तौर पर पोस्टमार्टम रिपोर्ट में उल्लेखित शारीरिक शोषण की तरफ इशारा करता है। गीतिका अपने परिवार के सदस्यों के बीच यह राज खोलना नहीं चाहती थी। मामले में गोपाल कांडा और अरुणा चड्ढा पर दुष्कर्म व कुकर्म के आरोप तय हो जाने के बाद पीड़िता का नाम व उसकी पहचान जाहिर न करने की भी हिदायत मीडिया को दी है।

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