Published on 19 May,
2013
अनिल नरेन्द्र
इसमें कोई संदेह नहीं कि पंजाबी पॉप सिंगर हनी सिंह ने म्यूजिक
इंडस्ट्री में हंगामा मचा दिया है। डिस्को से लेकर शादी के रिसेप्शनों में, आईपीएल
मैचों में, बच्चों के मोबाइलों में, हर जगह हनी सिंह के गाने सुने जा रहे हैं। मैं
भी उनके कुछ गानों को सुनता हूं और पसंद भी करता हूं पर कुछ गानों के बोल ऐसे बकवास
हैं कि उन्हें सुनकर अश्लीलता की बू आ जाती है। सिर्प धुन व बैकग्राउंड म्यूजिक अच्छा
होता है, बोल आपत्तिजनक होते हैं। अपने गानों में अश्लीलता का सामना कर रहे इस पंजाबी
सिंगर की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने मंगलवार को कहा कि हनी
सिंह के गीतों के बोल सुने तो सिर शर्म से झुक गया। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ लोग
पैसा कमाने के चक्कर में समाज की मानसिकता को दूषित करने में जुटे हैं। मंगलवार को
विवादास्पद गाने `मैं बलात्कारी' के खिलाफ एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान हाई
कोर्ट ने हनी सिंह को नोटिस ई-मेल या पंजीकृत डाक से भेजने का आदेश दिया। हाई कोर्ट
को बताया गया कि समन हनी सिंह को नहीं मिला है। अगली सुनवाई 4 जुलाई को होगी। इसी के
साथ अदालत ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि गायक हनी सिंह को समन किया था
न कि सरकार को किसी कार्रवाई के लिए रोका था। खंडपीठ ने कहा कि पंजाब सरकार अभद्र गीतों
के मामले में अपने स्तर पर कोई भी फैसला लेने की खुली छूट रखती है और संस्कृति को प्रदूषित
करने वाले ऐसे गीत-संगीत पर रोक लगाने पर खुद फैसला ले सकती है। हनी सिंह के गाने का
उल्लेख करते हुए कहा गया कि इन्हें सुनकर तो कोई भी अपना कान बन्द कर लेगा। मालूम हो
कि नवां शहर की एक स्वयंसेवी संस्था `हेल्प' ने जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि
अश्लील गानों पर रोक लगाने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है। याचिका में कहा
गया है कि कानून में प्रावधान है कि सार्वजनिक स्थलों पर अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं
किया जा सकता, लेकिन गीत धड़ल्ले से गाए और सुने जा रहे हैं। सुनवाई के दौरान जब अदालत
के कोर्ट रूप में मौजूद लोगों की भीड़ के बारे में पता चला कि वे हनी सिंह को देखने
के लिए आए हैं तो जस्टिस जसबीर सिंह ने कहा कि ऐसे गायक का सहयोग करने के बजाय बहिष्कार
करना चाहिए। नवां शहर पुलिस ने हनी सिंह के खिलाफ धारा 394 के अंतर्गत केस दर्ज कर
लिया है। उधर हनी सिंह ने कहा कि मैं तो महज गायक हूं, बोल तो मैंने नहीं लिखे, जो
बोल लिखे गए वह गा दिए, इसलिए मैं निर्दोष हूं।
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