Thursday 1 November 2012

आतंकियों की तेजी से बनती पनाहगाह ः सऊदी अरब


 Published on 1 November, 2012
 अनिल नरेन्द्र
पिछले कुछ दिनों से लगता है कि सऊदी अरब आतंकियों की पनाहगाह बनता जा रहा है। हाल ही में गिफ्तार इंडियन मुजाहिद्दीन फसीह मुहम्मद को भी सऊदी अरब से पत्यर्पण के बाद दिल्ली हवाई अड्डे से गिरफ्तार किया गया था। अबू जिंदाल, ए रईस और फसीह मुहम्मद लश्कर व आईएम (इंडियन मुजाहिद्दीन) के इन तीन बड़े चेहरों के सऊदी अरब से डिपोर्टेशन के बाद भारत की सुरक्षा एजेंसियों की नजरें अब वहां पनाह लिए अन्य आतंकियों पर टिक गई हैं। एजेंसियों की हिट लिस्ट में पहला नाम फैयाज कागजी का है। इसके अलावा करीब आधा दर्जन अन्य चेहरे भी शामिल हैं जिनके बारे में माना जा रहा है कि वह देश छोड़कर सऊदी अरब भाग चुके हैं। जांच एजेंसियों की मानें तो मक्का में खिदमत के बहाने भारत के नवयुवक सऊदी अरब जाकर वहां मौजूद आईएम आतंकियों से मिलते हैं। पुलिस सूत्र बताते हैं कि देश छोड़कर भागे आईएम व लश्कर आतंकी सऊदी अरब से गतिविधियों का संचालन कर रहे हैं। इस काम के लिए उन्हें धन व अन्य संसाधन पाकिस्तान में बैठे आईएम चीफ रियाज तथा इकबाल भटकल द्वारा मुहैया कराए जाते हैं। हाल ही में सऊदी अरब से डिपोर्ट करके लाया गया मुंबई हमलों का मुख्य हैंडलर अबू जिंदाल भी सऊदी अरब में रहकर आतंक की नई पौध तैयार कर रहा है। जिंदाल ने खुलासा किया था कि `दावत' के बहाने जेहादी मानसिकता वाले युवकों को एकजुट किया जाता है। संगठन सदस्यों की मार्पत ऐसे युवाओं को खाने पर बुलाकर वहां धार्मिक चर्चाएं कराकर उन्हें जेहाद के लिए मोटीवेट किया जाता है। जो युवक आकामक नजर आते हैं उन्हें आगे की दावत के लिए न्यौता भेजा जाता है। इस दावत में आईएम व लश्कर से जुड़े लोग मौजूद रहते हैं। केरल में अवैध विस्फोटों की बरामदगी मामले के आरोपी ए रईस का भी सऊदी अरब से पत्यर्पण किया गया था। आईएम के बिहार मॉड्यूल को आतंक के लिए फंडिंग करने वाले इंजीनियर फसीह मुहम्मद को भी रईस के साथ डिपोर्ट किया गया। फैयाज महाराष्ट्र के बीड़ का रहने वाला है तथा अबू जिंदाल का बचपन का दोस्त है। अब फैयाज कागजी की गिरफ्तारी पर जांच एजेंसियों ने नजरें टिका रखी हैं। फसीह मुहम्मद से एजेंसियां फैयाज के बारे में पूरी जानकारी लेने में लगी हुई हैं। सूत्रों की मानें तो फैयाज के विषय में जिंदाल से भी महत्वपूर्ण जानकारियां हासिल हुई हैं। पुणे ब्लास्ट के आरोपी असद खान और इरफान तो फैयाज से कई बार मिल चुके हैं। फैयाज ने दोनों को अपनी ई-मेल आईडी भी दे रखी थी जिसकी मदद से वह उनके सम्पर्प में रहता था। जांच एजेंसियां यह तमाम जानकारियां सऊदी पशासन को सौंपने की तैयारी में हैं। जिससे फैयाज को भी भारत लाया जा सके। यह अच्छी बात है कि पिछले कुछ दिनों से सऊदी सरकार और पशासन भारत के साथ इन आतंकियों के पत्यर्पण में सहयोग कर रहे हैं पर जरूरत इस बात की है कि वह ऐसे आतंकियों की अपने देश में पवेश पर भी सख्ती करें। हर आतंकी को यह नहीं समझना चाहिए कि चलो सऊदी अरब एक ऐसा देश है जहां हमें पनाह मिल सकती है। सऊदी अरब गुप्तचर विभाग को भारत की गुप्तचर एजेंसियों से और बेहतर तालमेल करने की जरूरत है।

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