Saturday 17 November 2012

दो लाख लोगों को 500 करोड़ रुपए का चूना लगाने वाले बंटी-बबली



    Published on 17 November, 2012    
 अनिल नरेन्द्र
बंटी-बबली नाम की एक फिल्म आई थी जिसमें एक पुरुष और एक महिला मिलकर विभिन्न तरीकों से जनता को लूटते हैं। हमें नहीं मालूम कि स्टाक गुरु के नाम से इस नई जोड़ी ने उस फिल्म से कितनी प्रेरणा ली पर उल्हास खरे और 30 वर्षीय रक्षा जे उर्स ने तो राजधानी समेत देश के कई राज्यों में दफ्तर खोलकर दो लाख लोगों से करीब 500 करोड़ रुपए की उगाही करके फ्रॉड के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। 33 वर्षीय उल्हास प्रभाकर खरे और 30 वर्षीय रक्षा जे उर्स ने अलग-अलग जगहों पर नाम, रूप बदलकर ठगी की। दिल्ली पुलिस के संयुक्त आयुक्त संदीप गोयल ने बताया कि वर्ष 2010 में स्टॉक गुरु नाम से शुरू हुई कम्पनी ने पीड़ितों को 20 फीसदी प्रतिमाह ब्याज का लालच देकर रकम जमा कराई। पुलिस के पास जब हजारों पीड़ित पहुंचने लगे तो मोती नगर थाने में मामला दर्ज किया गया। इसकी जांच जुलाई 2011 में आर्थिक अपराध शाखा को सौंपी गई। पुलिस के पास अब तक 14,300 शिकायतकर्ता आ चुके हैं। मामले की जांच से पता चला कि दम्पत्ति ने दिल्ली के अलावा राजस्थान, मध्य प्रदेश, देहरादून, सिक्किम, हिमाचल प्रदेश व महाराष्ट्र में लगभग दो लाख लोगों से 500 करोड़ रुपए की ठगी की है। उल्हास और रक्षा उर्स के पास अकूत सम्पत्ति है। पुलिस ने 20 बैंकों में 13 नाम से 94 खाते फ्रीज किए हैं। आरोपियों के पास से 25 करोड़ रुपए से अधिक के तो ड्राफ्ट ही बरामद हुए। बैंक खातों में लगभग 23 करोड़ रुपए जमा पाए गए। दिल्ली के द्वारका सहित विभिन्न कॉलोनियों में आठ फ्लैट हैं। भिवाड़ी, मुरादाबाद व अलवर में भी एक-एक फ्लैट है। गोवा में एक विला (बंगला) भी है। छह करोड़ रुपए शेयर मार्केट में निवेश, लैंड कूजर, मर्सिडीज सहित 12 गाड़ियां बरामद हुई हैं। यह दोनों कार्रवाई को अलग-अलग शहरों में अलग-अलग नामों से ऑपरेट करते थे। उल्हास बेंगलुरु में रोहित खत्री, मुंबई में सिद्धार्थ मराठे, दिल्ली में लोकेश्वर दत्त, गोवा में देव साहिब के नाम से धंधा करते थे। जबकि रक्षा जे उर्स दिल्ली में प्रियंका सारस्वत और बेंगलुरु में रक्षा बन जाती थी। मौजूदा रूप और नाम सिद्धार्थ मराठे (रत्नागिरी) और माया मराठे (रत्नागिरी)। उल्हास ने तो अपनी मां तक को नहीं बख्शा। उसने अपनी पत्नी के माध्यम से खुद को मरा हुआ घोषित कर दिया था। मां के लिए उल्हास की मौत लगभग एक साल पहले हो चुकी थी। उसे जब पुलिस ने बेटे के जिन्दा होने की बात बताई तो वह हैरान हो गई। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि उनकी टीम मामले की छानबीन करते हुए नागपुर में उल्हास के घर पहुंची। वहां उसकी मां से पुलिस टीम की मुलाकात हुई। पुलिस ने जब उल्हास के बारे में बुजुर्ग महिला से पूछताछ की तो उसने बताया कि कुछ माह पूर्व उसके बेटे का देहांत हो गया है। यह सुनकर पुलिस भी हैरानी में पड़ गई क्योंकि पुलिस के हाथ लगने से वह कई बार बच चुका था। पुलिस को महिला ने बताया कि उसकी बहू रक्षा ने फोन पर उसे बताया था कि उल्हास की मौत हो चुकी है। उल्हास के जिन्दा होने की खबर से बेचारी मां चौंक गई।

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