Sunday, 4 November 2012

सैंडी का फायदा बराक ओबामा को होगा या मिट रोमनी को?

Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published From Delhi


    Published on 4 November, 2012    


अनिल नरेन्द्र

महातूफान सैंडी ने अमेरिका के घनी आबादी वाले पूर्वी तट पर भारी तबाही का मंजर और मलबा पीछे छोड़ दिया है तथा इसके कारण 70 से ज्यादा लोगों की जान गई है। करीब 40 लाख अमेरिकी अभी तक बिजली और संचार आपूर्ति के बिना बदहाली के दौर से गुजर रहे हैं। बाढ़ वाले इलाकों में लूटपाट की घटनाएं होने लगी हैं। न्यूयार्प और न्यू जर्सी के आसपास के इलाकों में अभी तक पानी भरा हुआ है। बचावकर्ता मलबे से शव निकाल रहे हैं। न्यूयार्प टाइम्स के अनुसार 37 लाख 50 हजार से अधिक लोगों को लगातार तीसरे दिन बिजली आपूर्ति के बिना जीवन बसर करना पड़ रहा है जबकि वहीं इसके इत्तर यहां आगामी मंगलवार को सम्पन्न होने वाले राष्ट्रपति चुनाव स्थगित नहीं होंगे। देखना यह है कि राष्ट्रपति चुनाव में महातूफान सैंडी का राजनीतिक असर क्या होगा? क्या इससे राष्ट्रपति बराक ओबामा को फायदा होगा या फिर उनके प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन उम्मीदवार मिट रोमनी को? हालात सामान्य करने के प्रयास युद्ध स्तर पर किए जा रहे हैं। दोनों उम्मीदवारों ने अपना अभियान फिर शुरू कर दिया है। ओबामा ने बुधवार को सैंडी प्रभावित न्यू जर्सी का दौरा किया जबकि मिट रोमनी ने चुनावी रैलियों के साथ अपना अभियान दोबारा शुरू किया। ओबामा ने गुरुवार को नवेदा, कोलारेडो व विस्कासिन में चुनाव अभियान की योजना बनाई। ओबामा ने न्यू जर्सी के द्वीप ब्रिगेन्टाइन पर तूफान प्रभावितों से कहा, `हम आपके लिए यहां हैं। हम भूलेंगे नहीं। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि आपको सब कुछ व्यवस्थित करने के लिए आवश्यक मदद मिले।' उन्होंने कहा कि जब तक यह काम पूरा नहीं हो जाता तब तक हम हटेंगे नहीं। तूफान प्रभावित 13 राज्यों में सेना व एयर नेशनल गार्ड के करीब 10,000 जवानों की तैनाती की गई है। न्यूयार्प सिटी में ज्यादातर बसें चलने लगी हैं जबकि गुरुवार को कुछ सब-वे लाइनें भी खुल जाएंगी। सैंडी के बावजूद यहां राष्ट्रपति चुनाव अपने समय पर होगा। दरअसल अमेरिका में चुनावी वर्ष में नवम्बर के पहले सोमवार के तुरन्त बाद आने वाले मंगलवार को चुनाव होने का नियम है। इस दिन को अमेरिका में इलैक्शन डे कहते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव पर कड़ी नजर रखने वाले विशेषज्ञों का मानना है कि अमेरिका में तूफान सैंडी भले ही काफी कहर बरपा गया है लेकिन राष्ट्रपति बराक ओबामा को दोबारा जीत दिलाने में यह अहम भूमिका निभाने वाला है। ओबामा ने इस तूफानी संकट का जिस तरह से सामना किया, राहत और बचाव के कामों को लेकर जो तेजी दिखाई उसका असर दिखने लगा है। वाशिंगटन पोस्ट-एबी न्यूज की तरफ से किए गए एक सर्वे में ओबामा की लोकप्रियता में जबरदस्त इजाफा हुआ है। सर्वे में शामिल हर 10 में से आठ लोगों ने कहा कि ओबामा ने इस खतरे से निपटने में बहुत बढ़िया काम किया है। मजे की बात  तो यह है कि रिपब्लिकन मिट रोमनी का समर्थन कर रहे लोगों में से दो-तिहाई ने ओबामा के काम की तारीफ की। अभी भी हजारों लोग शिविरों में इंतजार कर रहे हैं। उन्हें यह भी नहीं पता कि उनके घर बचे भी हैं या नहीं। बिजली के बिना ठिठुर रहे लोगों की संख्या अब 70 लाख है। इस तूफान के कारण अमेरिका को करीब 15-20 अरब डालर का नुकसान होने की आशंका है। इसका अर्थ यह हुआ कि सैंडी अमेरिकी इतिहास का सबसे अधिक आर्थिक क्षति पहुंचाने वाली प्राकृतिक आपदा साबित होने जा रहा है। अभी तक तो राहत कार्यों की वजह से ओबामा को फायदा हुआ है पर अगर सर्दी में ठिठुर रहे लाखों लोगों को बिजली-पानी जल्द न मिला तो इसका खामियाजा भी ओबामा को भुगतना पड़ सकता है। तूफान सैंडी के आने से पहले ओबामा और मिट रोमनी के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी। अब देखना यह है कि सैंडी का लाभ-नुकसान किसको ज्यादा प्रभावित करता है?

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