Published on 16 November, 2012
अनिल
नरेन्द्र
निगम पार्षद आत्माराम गुप्ता की हत्या और हत्या में एक महिला निगम
पार्षद के शामिल होने के चर्चित मामले के 10 साल बाद एक बार फिर राजनीतिक दबाव में
दिल्ली नगर निगम की एक महिला पार्षद सत्यम यादव की जान चली गई। स्कूल शिक्षिका की नौकरी
से त्याग पत्र देकर नगर निगम के पार्षद बनने और फिर राजनीतिक कार्यक्रमों और दबावों
के कारण सत्यम को जान देनी पड़ी। कांग्रेस की महिला पार्षद सत्यम यादव (40) की गत दिनों
संदिग्ध हालात में मौत हो गई। उनकी डेढ़ साल की बेटी की भी हत्या कर दी गई। पार्षद
के मायके वालों के बयान पर उनके पति, सास, ससुर और दो ननदों के खिलाफ दहेज हत्या का
मुकदमा दर्ज कर पति को गिरफ्तार कर लिया गया है। हालांकि सत्यम के ससुराल वालों का
कहना है कि सत्यम ने बेटी की हत्या की और हत्या करके खुदकशी की। सत्यम यादव कांग्रेस
की टिकट पर इसी साल नांगलोई पूर्व (वार्ड नम्बर 43) से एमसीडी चुनाव जीती थीं। मौत
के अगले दिन ही उनका जन्मदिन था। सुबह 7.20 बजे सत्यम के पति पवन यादव ने पुलिस को
फोन कर वारदात की जानकारी दी। पुलिस जब तक उनके घर पर पहुंची सत्यम के कमरे के गेट
की चटकनी बाहर से धक्का देकर तोड़ी जा चुकी थी। पुलिस के आने से पहले पवन बेसुध पड़ी
अपनी बेटी वंशिका को अस्पताल ले जा चुका था जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। उसकी हत्या
गला घोंटकर की गई थी। पुलिस को कमरे से कोई सुसाइड नोट भी नहीं मिला। जन्मदिन से एक
दिन पहले ही सत्यम यादव ने अपनी जीवन-लीला समाप्त कर ली। इसके पीछे क्या कारण था यह
तो जांच के बाद ही पता चल पाएगा। भाई प्रशांत सिंह का कहना है कि पूरा परिवार इस बार
सत्यम का जन्म दिन बुलंदशहर में मनाने का विचार कर रहा था। सत्यम को ले जाने के लिए
भाई निशांत 6 नवम्बर को उसके ससुराल आया था। प्रशांत का कहना है कि उस दिन उसके ससुराल
में जिस तरह का व्यवहार किया गया उसके दिमाग को झकझोर कर रख दिया। ससुराल वालों ने
निशांत को बेइज्जत कर उसे वापस चले जाने पर बाध्य कर दिया। प्रशांत ने आरोप लगाया कि
ससुराल वालों ने दहेज के लिए उसकी बहन की हत्या कर दी। सत्यम की शादी 16 फरवरी
2010 को पवन के साथ हुई थी। शादी के समय पवन बेरोजगार था। शादी होने के बाद उसे एमसीडी
के स्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई। उसके बाद से ही इन लोगों ने दहेज की मांग शुरू
कर दी। उसने बताया कि सत्यम के ससुराल वाले 50 लाख रुपए और होंडा सिटी कार की मांग
करते थे। यहां तक कि चुनाव के समय सत्यम के ससुर ने 50 हजार रुपए की मांग की थी, तब
उनकी मां ने 20 हजार रुपए दिए थे। सत्यम के ससुर लाला राम ने प्रशांत के लगाए आरोपों
को बेबुनियाद बताते हुए पुलिस को बताया कि बुधवार रात उनकी पत्नी सत्यवती की तबीयत
खराब हो गई थी। बेटा पवन मां की देखभाल कर रहा था। साढ़े 11 बजे वह दूसरी मंजिल स्थित
कमरे में गया तो उसने देखा कि सत्यम ने कमरे का दरवाजा बन्द कर लिया है। उसके बाद वह
मां के कमरे में आकर सो गया। सुबह वह अपने कमरे में गया, लेकिन दरवाजा बन्द था। पवन
की बहन संगीता दरवाजा खुलवाने गई, कई बार आवाज लगाने के बावजूद दरवाजा नहीं खुला तो
दरवाजे को तोड़ दिया गया। अन्दर सत्यम पंखे से लटकी थी। सत्यम की हत्या की गई या फिर
उसने आत्महत्या की?
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