Thursday 15 November 2012

पद्मनाभ स्वामी मंदिर का खजाना सार्वजनिक सम्पत्ति नहीं


 Published on 15 November, 2012
 अनिल नरेन्द्र
केरल के मुख्यमंत्री ओमेन चांडी ने शुकवार को माकपा की इस दलील को खारिज कर दिया कि विश्व पसिद्ध पद्मनाभ स्वामी मंदिर के तहखाने में मिला खजाना सार्वजनिक सम्पत्ति है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बरामद हुआ खजाना मंदिर का है और इसे मंदिर में ही रखा जाना चाहिए। चांडी ने तिरुवंतपुरम में संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि सरकार मंदिर के मामलों से जुड़े पशासन में दखल नहीं देगी और यह मंदिर और उसके श्रद्धालुओं पर निर्भर करता है कि वे यह फैसला करें कि संपत्तियों का इस्तेमाल किस तरह से करना है। चांडी ने कहा कि सरकार ने पहले ही अपने फैसले से सुपीम कोर्ट को अवगत करा दिया है और वह मंदिर की सम्पत्तियों को जरूरी सुरक्षा देने के लिए तैयार हैं। चांडी ने कहा कि सरकार माकपा के राज्य सचिव पी विजयन की इन दलील से सहमत नहीं है कि सम्पत्तियों का नियंत्रण त्रावणकोर शाही घराने को नहीं सौंपा जाए। दशकों तक इतनी बड़ी सम्पत्तियों को ज्यों का त्यों रखना अपने आप में शाही घराने की ईमानदारी का स्पष्ट पमाण है। न्याय मित्र की ओर से इस मामले में सुपीम कोर्ट के बाबत चांडी ने कहा कि इस पर अंतिम फैसला करने का काम न्यायालय का है। बताते चलें कि सुपीम कोर्ट की ओर से नियुक्त न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम ने अपने सुझावों में कहा है कि सम्पत्तियां शाही घराने के हवाले कर दी जाएं। पद्मनाभ स्वामी मंदिर के खजाने के मामले में सुपीम कोर्ट की ओर से न्याय मित्र की नियुक्ति का विरोध करने पर केरल के हिंदू संगठनों ने भी माकपा की कड़ी आलोचना की है। माकपा नेताओं ने कहा था कि न्याय मित्र गोपाल सुब्रह्मण्यम की सलाह मंदिर पर पुन नियंत्रण के लिए त्रावणकोर राज्य परिवार की मदद करने के लिए है। इस पर राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और कुछ अन्य संगठनों ने कहा कि माकपा को मंदिर के मामलों में हस्तक्षेप का कोई अधिकार नहीं है। माकपा के पदेश सचिव पिनरई विजयन और पार्टी के दिग्गज व नेता विपक्ष वीएस अच्युतानंदन ने सरकार से सुब्रह्मण्यम के पस्तावों को खारिज करने की मांग की थी। इन दोनों ने आरोप लगाया था कि इनमें राजपरिवार को मंदिर और इसके विशाल खजाने पर फिर से नियंत्रण मिल जाएगा। उन्होंने सुपीम कोर्ट में लंबित मामले में ठोस रुख नहीं अपनाने के लिए कांग्रेस नीत यूडीएफ सरकार की भी आलोचना की। घटनाकम पर पतिकिया जताते हुए भाजपा के पदेशाध्यक्ष वी मुरलीधरन ने कहा कि क्या माकपा नेता दूसरे फर्मों की सम्पत्तियों के मामले में भी यही रुख अपनाएंगे? आरएसएम समर्थक हिंदू नेता के. राजशेखरन ने आरोप लगाया कि माकपा का कदम मंदिरों को नष्ट करने के लिए है और उसका यह तर्प असंवैधानिक है कि मंदिर का पूर्ण नियंत्रण सरकार के पास होना चाहिए। हम केरल के मुख्यमंत्री ओमेन चांडी को उनके बोल्ड स्टैंड के लिए बधाई देते हैं और उनकी इस दलील से सहमत हैं कि दशकों तक जब त्रावणकोर राज घराने ने मंदिर की संपत्ति की रक्षा की है तो अब ऐसी कोई वजह नहीं कि व्यवस्था में कोई परिवर्तन हो।

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