Wednesday 21 November 2012

नरेन्द्र मोदी ने 3डी इस्तेमाल कर एक साथ 4 शहरों को सम्बोधित किया


 Published on 21 November, 2012
 अनिल नरेन्द्र
गुजरात विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। मतदान 13 और 17 दिसम्बर को होना है। चुनाव तो बेशक गुजरात का है पर इस चुनाव पर सारे देश की नजरें टिकी हुई हैं। कुछ हद तक यह पूरे देश के भविष्य की राजनीति की दिशा तय कर सकता है। गुजरात में भाजपा का मुख्य मुकाबला कांग्रेस से है। गुजरात के बहुचर्चित मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिष्ठा दांव पर है। अगर वह यहां से फिर जीतते हैं और अच्छे मार्जिन से जीतते हैं तो न केवल भाजपा को नई ऊर्जा मिलेगी बल्कि सम्भव है कि नरेन्द्र मोदी सेंटर स्टेज पर आ जाएं और 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के प्रधानमंत्री उम्मीदवार बन जाएं। इस दृष्टि से यह चुनाव नरेन्द्र मोदी के लिए जीवन-मरण का प्रश्न बन गया है। नरेन्द्र मोदी ने गुजरात विधानसभा चुनाव 2012 के चुनाव प्रचार को एक नया आयाम दिया है। भाजपा के पोस्टर ब्वॉय नरेन्द्र मोदी रविवार को 3डी अवतार में नजर आए। दरअसल मोदी ने इस  तकनीक की मदद से रविवार को अहमदाबाद, सूरत, राजकोट एवं वड़ोदरा में एक साथ चार सभाओं को सम्बोधित किया। इसमें मोदी का पहले से रिकॉर्डिड संदेश दिखाया गया। हाइटैक टेक्नोलाजी की मदद से ऐसा आभास हो रहा था। मानों मोदी स्वयं चारों स्थानों पर मौजूद हैं और स्वयं मंच से सम्बोधित कर रहे हैं। 3डी मंच के जरिए चुनाव प्रचार का यह तरीका देश के लिए बिल्कुल नया है। दुनिया में सिर्प दो मौकों पर, पहली बार प्रिंस चार्ल्स द्वारा और दूसरी बार पिछले अमेरिकी चुनाव में अलगोर द्वारा इसका उपयोग किया गया था। देश की राजनीति में इसे लाने का श्रेय निश्चित तौर पर नरेन्द्र मोदी को जाएगा। आखिर क्या है 3डी मंच, किस तरह काम करता है, कैसे इसके जरिए एक साथ चार-पांच सभाएं ली जा सकती हैं? शब्दों में इसे बताना मुश्किल है पर मोटे तौर पर प्रोजैक्ट से मोदी की फोटो सरफेस से टकराती है, जो स्टेज पर 45 डिग्री के एंगल पर दिखाई पड़ती है। सामान्य समझ है कि विशेष चश्मे के बिना 3डी इफैक्ट को देखा नहीं जा सकता। लेकिन होलोग्रेफिक फाइल की मदद से बिना चश्मे के यह सम्भव हुआ है। स्टेज पर प्लास्टिक सीट की तरह पारदर्शी क्रीन लगाई जाती है, जिस पर रिफ्लैक्टिव सरफेस से इमेज बनती है। पहले 3डी मंच से नरेन्द्र मोदी ने कहा, गुजरात की 6 करोड़ जनता राम है मैं उनका वानर। मुझे मौका मिला है कि मैं हनुमान की तरह उनकी सेवा करूं। प्राप्त संकेतों से और सर्वेक्षणों से यही पता चलता है कि नरेन्द्र मोदी की जीत लगभग तय है। अब अगर नरेन्द्र मोदी 120 से अधिक सीटें लाने में सफल हो जाते हैं तो वह राष्ट्रीय स्तर पर 2014 की लड़ाई मोदी बनाम राहुल हो जाएगी। अगर 110 से कम सीटें आती हैं तो मोदी को भाजपा के भीतर से चुनौती मिल सकती है। उनके गुजरात डेवलपमेंट मॉडल पर भी प्रश्न उठने लगेंगे। इस सूरत में क्या अगली लड़ाई मोदी बनाम राहुल का रूप लेगी? हां अगर 100 से 105 सीटों तक भाजपा सिमट जाती है तो उसके मोदी के लिए दुष्परिणाम हो सकते हैं और मोदी की व्यक्तिगत स्थिति राज्य में और केंद्र दोनों में कमजोर होगी। यह अभी भी समय है। चुनाव में दिन-प्रतिदिन स्थिति बदलती रहती है।
           

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