Friday, 26 April 2013

चौतरफा घिरते सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय सहारा




 Published on 26 April, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
सहारा समूह प्रमुख सुब्रत रॉय के सितारे आज-कल गर्दिश में चल रहे हैं। एक के बाद एक विवाद में वह फंसते जा रहे हैं। सोमवार को तो सुप्रीम कोर्ट ने सुब्रत रॉय को ऐसी फटकार लगाई जिसकी शायद उन्होंने कभी उम्मीद ही न की हो। न्यायमूर्ति केएस राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेबी की अवमानना याचिका पर जवाब दाखिल नहीं करने पर सहारा समूह और इसके मुखिया सुब्रत रॉय की जमकर न केवल खिंचाई ही की बल्कि यहां तक कह दिया कि वे अदालत से चालबाजियां न करें। निवेशकों को 24 हजार करोड़ रुपए नहीं लौटाने के मामले में पीठ ने यह टिप्पणी की। पीठ ने सुब्रत रॉय और दो निदेशकों अशोक रॉय चौधरी तथा रविशंकर दूबे को हिरासत में लेने संबंधी सेबी की याचिका पर तीनों को नोटिस भी जारी किया। सेबी ने निवेशकों का पैसा वसूलने के लिए इनको हिरासत में लेने के आदेश को जारी करने की गुहार की है। सोमवार को सुनवाई के दौरान अदालत ने सुब्रत रॉय के वकील से कहा कि वह देश न छोड़ने का आश्वासन दें नहीं तो अदालत इस संबंध में भी आदेश जारी करेगी। इसके अलावा सेबी के पास 24 हजार करोड़ रुपए जमा कराने में विफल रहने की स्थिति में सहारा समूह की दो कम्पनियों की सम्पत्ति कुर्प करने संबंधी शीर्ष अदालत के आदेश के बाद सहारा इंडिया द्वारा इलाहाबाद हाई कोर्ट में याचिका दायर किए जाने पर भी पीठ ने नाराजगी व्यक्त की। सहारा के वकील ने अदालत को सूचित किया कि सेबी सुब्रत रॉय की निजी सम्पत्ति कुर्प कर रही है जबकि इस पर वह उस मामले में पक्षकार तक नहीं है जिसमें शीर्ष अदालत ने 24 हजार करोड़ रुपए लौटाने का फैसला दिया है। इस पर जजों ने कहा कि आप अदालतों के साथ चालबाजी कर रहे हैं। हमारी पक्षकारों में दिलचस्पी नहीं है। हाई कोर्ट में याचिका दायर करना व सेबी के पास जाना भी अवमानना है। सेबी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अरविन्द दत्तार ने कहा कि सहारा समूह और उसकी दो कम्पनियोंöसहारा इंडिया रीयल इस्टेट कारपोरेशन और सहारा हाउसिंग ने कम्पनी कानून के प्रावधानों का पालन ही किया है। उधर एक और झटके में सहारा रीयल इस्टेट कम्पनी सहारा प्राइम टाइम का 3450 करोड़ रुपए का आरम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) अब नहीं आ पाएगा। सेबी ने सहारा प्राइम सिटी लि. के आईपीओ प्रस्ताव से जुड़ी फाइल ही बन्द कर दी है। सेबी द्वारा मांगे गए स्पष्टीकरण को जमा कराने में कम्पनी के विफल रहने पर सेबी ने यह कदम उठाया है। एक और अन्य घटनाक्रम में सहारा ग्रुप अब कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की जांच के घेरे में आ गया है। वह ईपीएफओ के देश में टॉप डिफाल्टरों में से एक है। सहारा इंडिया फाइनेंशल कारपोरेशन और पूर्व सहारा एयर लाइंस समेत सहारा ग्रुप की पांच कम्पनियों के नाम 50 कम्पनियों में शामिल हैं जो देश की टॉप डिफाल्टर हैं। खबर तो यह भी है कि उत्तराखंड में सहारा समूह की नई स्कीम क्यू शॉप भी विवादों में आ गई है। उत्तराखंड खाद्य सुरक्षा विभाग के अनुसार बहादराबाद स्थित सहारा क्यू शॉप के गोदाम से 26 दिसम्बर 2012 को बेसन, मिक्स फ्रूट और सरसों तेल के सैम्पल लिए गए थे। लेकिन यह मानक पर सही नहीं उतरे। सैम्पल जांच में फेल पाए गए हैं। इस बाबत सहारा से जवाब मांगा गया था। कम्पनी ने जवाब देने के लिए 30 दिन की मोहलत मांगी थी लेकिन वह संतोषजनक जवाब नहीं दे पाई। अब इस मामले में खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। कुल मिलाकर श्री सुब्रत रॉय सहारा के सितारे गर्दिश में चल रहे हैं। यह भी लगता है कि उन्हें घेरने के लिए सरकारी एजेंसियां अत्याधिक सक्रिय हैं और उन्हें अपमानित व दंडित करने पर तुल गई हैं।


No comments:

Post a Comment