Published on 21 April,
2013
अनिल नरेन्द्र
बहुचर्चित 17 नवम्बर को छतरपुर के एक फार्म हाउस में
शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की हत्या कर दी गई थी, इस शूटआउट में उनके छोटे भाई हरदीप
चड्ढा भी मारे गए थे, दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने चार्जशीट दाखिल कर दी है। मुख्य
मेंट्रो पालिटन मजिस्ट्रेट राजकुमार त्रिपाठी के समक्ष गुरुवार को पुलिस ने आरोप पत्र
दाखिल करते हुए कहा है कि जांच से यह साफ हो गया है कि पोंटी की मौत उसके भाई हरदीप
चड्ढा द्वारा चलाई गई गोली से हुई। पुलिस ने कहा कि जांच से खुलासा हुआ है कि हरदीप
चड्ढा ने ही पोंटी के मैनेजर नरेन्द्र अहलावत को बुरी तरह से जख्मी कर दिया था। आरोप
पत्र के अनुसार हरदीप की मौत उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के बर्खास्त अध्यक्ष एसएस नामधारी
और उनके सुरक्षा गार्ड सचिन त्यागी द्वारा चलाई गई गोली से हुई है। पुलिस ने कहा कि
जांच में घायल करने या हत्या करने के मामले में किसी अन्य व्यक्ति की संलिप्तता की
बात सामने नहीं आई है। इससे पहले पुलिस ने गोलीबारी के बाद दर्ज एक अन्य मामले में
नामधारी और त्यागी के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया था। उन्हें आईपीसी की विभिन्न धाराओं
के तहत आरोपी बनाया था। पुलिस ने आरोप पत्र में कहा कि पोंटी चड्ढा एक साजिश के तहत
फार्म हाउस पर कब्जा करने के लिए नामधारी के साथ पहुंचे। हरदीप ने पोंटी व अहलावत पर
गोलियां चलाईं जिसके जवाब में नामधारी व साथियों ने हरदीप पर गोलियां चला दीं। उनके
बीच सम्पत्ति का विवाद था। आरोप पत्र में घटना के बारे में कहा गया है कि पोंटी और
नामधारी ने हरदीप के कब्जे से फार्म हाउस लेने की साजिश रची थी। इसमें कहा गया है कि
हरदीप उस समय मौके पर पहुंचा जब पोंटी के आदमी विवादित संपत्ति का दरवाजा खोल रहे थे।
हरदीप ने उस आदमी और पोंटी पर गोली चलाई और बदले में नामधारी और उसके पीएसओ त्यागी
ने हरदीप को गोली मार दी। इस चार्जशीट से पहले काइम ब्रांच ने इसी अदालत में नामधारी,
सचिन त्यागी, पोंटी चड्ढा के सिक्यूरिटी मैनेजर नरेन्द्र अहलावत समेंत 22 लोगों के
खिलाफ शनिवार को एक अन्य चार्जशीट दाखिल की। इन पर हत्या, हत्या का पयास, षड्यंत्र
रचने एवं सबूत मिटाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए। इस मामले में कुल 11 आरोपी गिरफ्तार
हुए हैं जबकि मामले में आरोपी सतनाम सिंह सन्ते, बलकार सिंह, बाज सिंह, हरदयाल सिंह,
पेमवीर सिंह और इंद्रपाल अभी भी फरार चल रहे हैं। इसके अलावा इन आरोपियों पर आर्म्स
एक्ट के तहत भी मामला बनाया गया है। पुलिस ने इस मामले में 110 लोगों को गवाह बनाया
है। पोंटी चड्ढा व उसके भाई हरदीप चड्ढा हत्याकांड में पुलिस ने भले ही अपनी जांच पूरी
कर अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी हो, मगर पुलिस ने मामले में लापरवाही बरतते हुए
केस से जुड़े कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों को अभी तक अदालत के समक्ष पेश नहीं किए। एसीएमेंच
मुकेश कुमार ने इस संबंध में जांच अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अदालत ने
मामले के जांच अधिकारी को अपने जवाब के साथ-साथ केस से जुड़े बाकी दस्तावेज अदालत के
समक्ष पेश करने को कहा है।
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