Published on 9 April,
2013
अनिल नरेन्द्र
बहुचर्चित कुण्डा कांड में पतापगढ़ के पुंडा में डीएसपी
जिया उल हक की मौत के मामले में सीबीआई ने अपनी पारंभिक जांच में कहा कि इस मामले में
विधायक रघुराज पताप सिंह उर्प राजा भैया का हाथ होने के संकेत नहीं मिले हैं। उल्लेखनीय
है कि सीओ पुंडा जिया उल हक, ग्राम पधान नन्हे लाल यादव और उसके भाई सुरेश यादव की
मौत की जांच सीबीआई कर रही है। तिहरे हत्याकांड में बाहुबली विधायक और पूर्व कैबिनेट
मंत्री रघुराज पताप सिंह उर्प राजा भैया का नाम आने के बाद सरकार की सिफारिश के बाद
हरकत में आई। सीबीआई ने मामला दर्ज करने के दो दिन बाद ही अपनी लम्बी फौज के साथ पुंडा
में डेरा डाल दिया। अब दो दिन पहले सीबीआई ने राजा भैया को क्लीनचिट (फिलहाल) दे दी
है। सीबीआई ने कहा कि पारम्भिक जांच में राजा भैया का इसमें हाथ होने के संकेत नहीं
मिले हैं। साथ ही जांच एजेंसी ने कहा है कि जिया उल हक की मौत में गांव के पधान नन्हे
यादव की हत्या से गुस्साई भीड़ का हाथ होने का अंदेशा है। एजेंसी ने कहा कि उसके ये
पारम्भिक निष्कर्ष गवाहों के बयानों पर आधारित है। सीबीआई के सूत्रों ने कहा कि हमारी
जांच में अभी तक डीएसपी की हत्या में राजा भैया के शामिल होने के संदर्भ में कोई सबूत
नहीं मिला है लेकिन इस स्टेज पर अभी किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंचा जा सकता है।
जांच टीम मामले को सुलझाने के लिए हर सम्भव सबूत और सुराग की पड़ताल कर रही है। सूत्रों
ने कहा कि पारम्भिक जांच से हक की हत्या का मामला कुछ हद तक स्पष्ट हो रहा है लेकिन
किसी आखिरी निष्कर्ष तक पहुंचने से पहले पधान नन्हे और उसके भाई सुरेश की हत्या की
गहन जांच होनी है। एजेंसी ने नन्हे और सुरेश यादव के परिजनों से पूछताछ की है ताकि
उस दिन घटी घटना की कड़ियों को आपस में जोड़ा जा सके और हकीकत सामने आए। एजेंसी ने
सुरेश के घर पर रखे एक बॉक्स से खून से सनी गोलियों वाली बैल्ट समेत कुछ चीजें बरामद
की हैं। सीबीआई ने डीएसपी की गायब रिवाल्वर भी हासिल कर ली है। सूत्रों ने कहा कि सीबीआई
को लगता है कि नन्हे को भाड़े के हत्यारों ने 2 मार्च को उस समय गोली मार दी जब वह
बलीपुर गांव में चाय की एक दुकान पर खड़े थे। यादव की हत्या के बाद डीएसपी जिया उल
हक हालात पर काबू पाने के लिए खुद गांव पहुंचे थे। मौके से यादव के भाई सुरेश का भी
शव मिला था। जिया उल हक की पत्नी की शिकायत पर राजा भैया के खिलाफ एक मामला दर्ज किया
गया और बाद में उन्होंने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। सीबीआई ने पुंडा तहसील के
बलीपुर गांव में तीन हत्याओं के सिलसिले में अब तक चार मामले दर्ज किए हैं।
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