Friday, 12 April 2013

480 परिवारों की गुहार ः मर जाएंगे लेकिन वापस पाक नहीं जाएंगे



 Published on 12 April, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
पाकिस्तान में हो रहे अत्याचार से तंग आकर पिछले कई दिनों से दिल्ली में रह रहे लगभग 480 हिन्दू शरणार्थी परिवार वापस पाकिस्तान लौटने को तैयार नहीं हैं। उनका कहना है ः मर जाएंगे पर पाकिस्तान नहीं जाएंगे। वहां जिल्लत सहने के बजाय यहीं जान देने के लिए तैयार हैं। वहां हम नहीं हमारी लाशें जाएंगी। सोमवार को उनके वीजा की अवधि खत्म हो गई। धमकी देने के बाद गृह मंत्रालय ने उनके वीजा  की अवधि एक महीने और बढ़ाने की सहमति प्रदान कर दी है। पाकिस्तान से कुम्भ मेले के बहाने वीजा लेकर आए यह 480 परिवार पाक में कट्टरपंथियों के जुल्म व ज्यादतियों से मुक्ति के लिए उक्त सभी परिवार विजवासन गांव निवासी नाहर सिंह के मकान में ठहरे हुए हैं। गांव के नाहर सिंह ने इन शरणार्थियों को अपने यहां आसरा दे रखा है। उनके 28 कमरों में 480 लोग किसी तरह गुजारा कर रहे हैं। छोटे-छोटे कमरों में एक साथ 18 लोग रहते हैं। ये परिवार इधर-उधर से लकड़ियों का इंतजाम कर खाना बनाते हैं। हालांकि स्वयंसेवी संस्थाओं व संगठनों की ओर से इन्हें खाद्य सामग्री मुहैया कराई जा रही है। बुधवार को विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से इन परिवारों को सम्मानित किया गया। विहिप दिल्ली के उपाध्यक्ष महावीर  प्रसाद गुप्ता ने इन परिवारों से मिलने और सम्मानित करने के बाद कहा कि मात्र वीजा की अवधि बढ़ाए जाने से काम नहीं चलेगा बल्कि इन पीड़ितों को अविलम्ब सभी नागरिक सुविधाएं दिए जाने की आवश्यकता है। उन्होंने घोषणा की कि विहिप उन सभी पाक हिन्दुओं का स्वागत करेगी जिन्होंने यातनाएं सहकर वतन छोड़ा, किन्तु स्वधर्म नहीं छोड़ा। उन्होंने कहा कि हम उन सभी लोगों का भी सार्वजनिक रूप से सम्मान करेंगे जिन्होंने पाकिस्तानी कट्टरपंथियों से अपना धर्म व जान बचाकर भारत में शरण लेने आए 480 हिन्दुओं की सहायता और रक्षा की। हमारी मांग है कि भारत सरकार तुरन्त इन सभी मुस्लिम जेहादी आतंकवाद के शिकार परिवारों को भारत की सभी नागरिक सुविधाएं दे जिससे ये कम से कम यहां आकर सुकून से रह सकें। उधर शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के आदेशानुसार शिवसेना सांसद व सचिव अनिल देसाई व उपनेता, सांसद चन्द्रकांत खैरे के निर्देशानुसार शिवसेना की दिल्ली इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल भी इन 480 परिवारों से मिला। शिवसेना नेताओं ने अपने बयान में कहा कि सरकार पाक से आए हिन्दुओं को भारत में बसने की अनुमति दे एवं पुनर्वास में जितना भी खर्च आता है उसे केंद्र सरकार उठाए। उन्हें अगर सरकार जबरन पाकिस्तान भेजती है तो इसके गम्भीर परिणाम होंगे। उन्होंने कहा कि भारत में कांग्रेस सरकार मुस्लिम वोटों की खातिर इस समुदाय के व्यक्तियों को सिर पर बैठाकर रखती है परन्तु भारत के बाहर अन्य देशों में खासकर पाकिस्तान में हिन्दुओं के साथ जो अन्याय हो रहा है उसके लिए कोई आवाज नहीं उठाती। इन पीड़ित परिवारों को भारत में बसाने की मांग का हम पूरा समर्थन करते हैं। यह हर प्रकार से जायज मांग है। सब कुछ सोचते-समझते हम 480 परिवारों को पाकिस्तान वापस भेजकर मौत के मुंह में नहीं धकेल सकते। वैसे भी लाखों की संख्या में बंगलादेशी देश में अवैध तरीके से आकर बस जाते हैं और धीरे-धीरे सभी नागरिक सुविधाएं पा लेते हैं तो यह तो हमारे भाई-बंधु  हैं जो सब कुछ लुटाकर शरण मांगने आए हैं। शरण देना हमारी परम्परा भी है और धर्म भी। भारत सरकार से अपील है कि वह इन 480 परिवारों को भारत में बसाने व नागरिकता प्रदान करे और सही काम करे।

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