Published on 4 April, 2013
अनिल नरेन्द्र
अरबपति बसपा नेता व रियल एस्टेट कारोबारी दीपक भारद्वाज
की हत्या की गुत्थी में दिल्ली पुलिस को उल्लेखनीय सफलता मिली है और उसने केस सुलझा
लेने का दावा किया है। सोमवार को पुलिस ने दो संदिग्ध हिरासत में लिए। सोमवार को पटियाला
हाउस कोर्ट के बाहर से मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम व सुनील को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
दोनों हत्यारों को पकड़ने के साथ पुलिस ने उस स्कोडा गाड़ी समेत ड्राइवर व मालिक राकेश
को भी गिरफ्तार कर लिया है। वह पिछले कई दिनों से पुलिस हिरासत में चल रहा था। इस मामले
में अब तक चार लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन आरोपियों से हुई पूछताछ के आधार
पर पुलिस ने उन दो लोगों को भी अलीपुर इलाके से हिरासत में ले लिया जिन्होंने मुख्य
आरोपियों को हथियार मुहैया करवाने में मदद की थी। हालांकि अभी आधिकारिक तौर पर उन्हें
गिरफ्तार नहीं किया गया है। क्राइम ब्रांच ने दोनों को पकड़कर दक्षिण जिला पुलिस के
हवाले कर दिया है। हालांकि पुलिस केस की गुत्थी सुलझाने की राह पर बढ़ चली है लेकिन अभी भी हत्या के कारणों का खुलासा
नहीं हो सका। वैसे मुख्य आरोपी की गिरेबां तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंचे। पुलिस की अपराध
शाखा ने पिछले हफ्ते दक्षिण दिल्ली के रजोकरी स्थित नितेश फार्म हाउस में दीपक भारद्वाज
को तीन गोलियां मारने वाले संदिग्ध हमलावर पुरुषोत्तम राणा और सुनील मान को नाटकीय
घटनाक्रम के बीच गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों पर ही दीपक को मार डालने का संदेह है।
दोनों शॉर्प शूटर बताए जाते हैं जिन्हें दीपक भारद्वाज की हत्या के लिए उनके किसी निकटवर्ती
रिश्तेदार द्वारा सुपारी देने का संदेह किया जा रहा है। ये दोनों सोमवार को सरेंडर
करने के इरादे से पटियाला हाउस कोर्ट पहुंचे थे। पुरुषोत्तम गेट नम्बर 3 से दाखिल हुआ,
लेकिन पुलिस उसे पहचान कर वहां से ले गई। इसी बीच सुनील किसी तरह मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट
प्रशांत शर्मा की कोर्ट में जाकर बैठ गया। कुछ देर बाद मजिस्ट्रेट के आने पर सुनील
के वकील ने सरेंडर एप्लीकेशन देते हुए सुनवाई करने का आग्रह किया। लेकिन अदालत ने सुनवाई
से इंकार कर दिया और पुलिसकर्मियों से सुनील व अन्य लोगों को बाहर ले जाने को कहा।
बाहर मौजूद क्राइम ब्रांच के पुलिसकर्मी सुनील को ले जाने लगे पर उन्हें काफी जद्दोजहद
करनी पड़ी। दीपक भारद्वाज मर्डर केस में मुख्य आरोपी पुरुषोत्तम उर्प मोनू (30 साल)
ने ही गोलियां मारी थीं। इस शूटआउट में मोनू का साथ दिया सुनील मान (26 साल) ने। अलीपुर
के छोटा शिव मंदिर के पास रहने वाला मान डीयू के स्वामी श्रद्धानन्द कालेज में तीन
साल स्टूडेंट रह चुका है। उस स्कोडा के ड्राइवर का नाम अमित मान (24 साल) है। वह जहांगीरपुरी
निवासी है, यह उस स्कोडा को ड्राइव कर रहा था जिसमें सवार होकर पुरुषोत्तम और सुनील
मर्डर करने के बाद फरार हुए थे। दीपक भारद्वाज का मर्डर 26 मार्च को हुआ था। एक हफ्ते
में दिल्ली पुलिस इस हत्याकांड को लगभग सुलझाने के लिए बधाई की पात्र है। जल्द यह भी
खुलासा हो जाएगा कि सुपारी किसने दी और क्यों दी।
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