Friday 4 January 2013

खाप पंचायतों का नया फरमान ः बलात्कारियों को न हो फांसी


 Published on 4 January, 2013
 अनिल नरेन्द्र
महिलाओं के खिलाफ यौन अपराधों के मामले से निपटने के लिए बुधवार को नई दिल्ली में एक त्वरित अदालत का उद्घाटन करने के बाद भारत के सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस अल्तमस कबीर ने कहा कि दिल्ली में 23 वर्षीया छात्रा के साथ 16 दिसम्बर को सामूहिक बलात्कार व हत्या की घटना के मामले में तेजी से मुकदमा पूरा किए जाने की वकालत की। जनता के रोष को जायज ठहराते हुए चीफ जस्टिस ने कहा कि अगर वाहनों के शीशों से काली फिल्म हटाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देश का पालन किया गया होता तो इस घटना से बचा जा सकता था। उन्होंने कहा कि यह अच्छा लगा कि इस जघन्य घटना के बाद लोगों ने महिलाओं के खिलाफ अपराध पर आवाज उठानी शुरू कर दी है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यहां साकेत जिला अदालत परिसर में त्वरित अदालत में काम बहुत जल्द शुरू होगा। बहरहाल उन्होंने कहा कि हमें आरोप-प्रत्यारोप से बचना चाहिए। जस्टिस कबीर ने कहा कि इससे कुछ हासिल नहीं होगा। हमें समस्या की जड़ में जाना है। यह मामला जनता की नजरों में है और इस मामले में जल्दी से जल्दी फैसला आना चाहिए। उन्होंने लोगों की इस प्रतिक्रिया को खतरनाक कहा कि आरोपियों को जनता के हवाले कर दिया जाए। लोगों की प्रतिक्रिया है कि आरोपियों पर मुकदमा नहीं चलाएं। उन्हें हमें सौंप दें हम उनसे निपटेंगे। उन्हें फांसी पर लटका दो। फांसी की  बात आई है तो हम पाठकों को यह भी बताना चाहेंगे कि फांसी देने या न देने पर भी कुछ तत्व बहस कर रहे हैं। हरियाणा की खाप पंचायतों ने एक नया फरमान जारी किया है। यह है कि सरकार इस अपराध की सजा फांसी नहीं तय करे। क्योंकि जल्दबाजी में ऐसा कोई फैसला ठीक नहीं होगा। पिछले दो-तीन दिनों से हरियाणा के कई जिलों में खाप पंचायतों की मंत्रणा चलती रही। पंचायतों ने फैसला किया कि यदि सरकार बलात्कारियों को फांसी की सजा का प्रावधान करती है तो उसका विरोध किया जाएगा। खाप पंचायत के एक बड़े नेता ने कहा कि यदि ऐसे मामलों में फांसी की सजा या कानूनी प्रावधान कर दिया गया तो इसका दुरुपयोग बढ़ जाएगा। जैसे कि दहेज व एससी/एसटी से जुड़े मामलों में हो रहा है। यदि इतनी कड़ी सजा दी जाने लगी तो तमाम लोग रंजिश में एक-दूसरे पर बलात्कार के आरोप लगवाने लगेंगे। वैसे भी उनके अनुसार घोर अपराधी को समाज में सुधरने का मौका मिलना चाहिए। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए ऑल इंडिया डेमोकेटिक वूमैन एसोसिएशन की महासचिव जगमती सांगवान ने कहा कि ऐसे समय में जबकि पूरे देश में बलात्कारियों को फांसी की सजा की मांग उठ रही है  और यह खाप पंचायतें बलात्कारियों को कड़ी सजा से बचाने के लिए इस तरह की बातें कर रही हैं। पहले भी ये पंचायतें तमाम तालिबानी फैसले लेती रही हैं। इसके पीछे मुख्य वजह यही है कि खापों के तमाम चौधरी हरियाणा के बलात्कार आरोपियों को बचाना चाहते हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले महीनों में इस प्रदेश में गैंगरेप के 20 मामले सामने आए हैं। यहां पर दलित लड़कियों को ज्यादा शिकार बनाया जा रहा है। एक मामले में तो पिछले दिनों कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी भी अफसोस जताने गई थीं और उनके जाने के बाद ही पुलिस ने कड़ाई की थी।

No comments:

Post a Comment