Published on 20 January, 2013
अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा इस बात के लिए बधाई के पात्र हैं कि उन्होंने अपने दूसरे कार्यकाल की शपथ लेने के महज चार दिनों में (बुधवार) एक ऐसा साहसी कदम उठाया है जो आज तक कोई अमेरिकी राष्ट्रपति नहीं उठा सका। यह ऐतिहासिक कदम है अमेरिका में बढ़ता गन कल्चर यानी बन्दूक की संस्कृति पर अंकुश लगाना। आज अमेरिका में हालात यह हैं कि हर 100 अमेरिकियों में से 89 के पास अपनी निजी बन्दूकें हैं। अमेरिका जैसा सभी जानते हैं में यह बड़ी-बड़ी कम्पनियों, मल्टी नेशनल्स का राज है। अरबों डॉलर का गन उद्योग अमेरिका में अत्यंत शक्तिशाली है। इसी वजह से कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति आज तक इस पर कंट्रोल नहीं कर सका पर पिछले कुछ समय से अमेरिका में बढ़ते नरसंहारों की वजह से अब आम अमेरिकियों की भी यह धारणा बन गई है कि गन कल्चर पर कंट्रोल होना चाहिए। दरअसल कटु सत्य तो यह है कि अमेरिका में पिछले कुछ सालों से सार्वजनिक स्थलों पर गोलीबारी की घटनाएं लगातार बढ़ी हैं। साल 2012 में ही इस तरह की सात से अधिक घटनाओं में 64 लोगों की मौत हुई जबकि 71 के करीब घायल हुए। कनेकटिकट प्रांत के न्यूटाउन में तो एक हमलावर ने सैंडी हुक प्राइमरी स्कूल के मासूम बच्चों पर ही गोलियां चला दी थीं। दिसम्बर की 14 तारीख को हुए इस हमले में 20 बच्चों सहित 26 लोग मारे गए थे। कनेकटिकट की घटना के बाद ओबामा देश के नाम सम्बोधन देते हुए रो पड़े थे। उन्होंने कहा था कि आगे ऐसी घटनाएं रोकने के लिए हर सम्भव कदम उठाए जाएंगे। न्यूटाउन की घटना के एक महीने के भीतर ही उन्होंने 23 शासनादेश जारी कर दिए। अमेरिका में हथियार खरीदना और रखना अब मुश्किल होगा। राष्ट्रपति ओबामा ने इसके लिए 23 शासनादेश जारी किए हैं। इन आदेशों के जरिए हथियारों की बिक्री पर नियंत्रण स्थापित किया जाना है। खास बात यह है कि इन आदेशों को कांग्रेस (अमेरिकी संसद) से मंजूर कराना जरूरी नहीं होगा और न ही इन्हें संसद में चुनौती दी जा सकती है। प्रमुख आदेश कुछ इस तरह है ः नए हथियार लाइसेंस जारी करते वक्त ग्राहक की पृष्ठभूमि की पूरी जांच होगी, आपराधिक पृष्ठभूमि वाले या घरेलू हिंसा में शामिल रहे व्यक्ति को हथियार नहीं बेचे जाएंगे, स्कूलों को अधिक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी और जनता को मानसिक सेवाओं तक पहुंचने के ज्यादा अवसर दिए जाएंगे। ओबामा द्वारा उठाए गए इन कदमों का अमेरिकी गन लॉबी ने जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है। जैसा मैंने पहले कहा कि आज तक कोई भी अमेरिकी राष्ट्रपति इस अत्यंत प्रभावशाली गन लॉबी से टक्कर लेने का साहस नहीं जुटा पाया पर ओबामा को व्यापक जन समर्थन भी मिल रहा है। अमेरिका में रहने वाले सिख समुदाय ने खुलकर ओबामा की सराहना की है। विस्कान्सिन राज्य के गुरुद्वारे में बीते वर्ष अगस्त में हुई गोलीबारी की घटना को याद करते हुए सिख समुदाय के नेता ने कहा कि बहुत सारे निर्दोष लोग इन मूर्खतापूर्ण हत्याओं का शिकार बन रहे हैं। अध्यक्ष राजवंत सिंह ने कहा कि सिख समुदाय अमेरिकी समाज में घातक हथियारों का प्रसार रोकने के लिए राष्ट्रपति ओबामा द्वारा उठाए गए कदमों का समर्थन करता है।
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