Wednesday, 23 January 2013

फिर लौटी टीम इंडिया अपने पुराने रंग में ः नम्बर वन रैंकिंग पर पहुंची


 Published on 23 January, 2013
 अनिल नरेन्द्र
टीम इंडिया ने रांची में इंग्लैंड को तीसरे वन डे मैच में सात विकेट से हराकर आईसीसी वन डे रैंकिंग में एक बार फिर नम्बर वन की पोजीशन हासिल कर ली है। आईसीसी रैंकिंग हर श्रृंखला के बाद अपडेट की जाती है, लेकिन श्रृंखला के बीच में फिलहाल स्थानों में परिवर्तन हुआ है जिसमें भारतीय टीम 2009 के बाद पहले स्थान पर पहुंचने में सफल रही। सितम्बर 2009 में श्रीलंका में त्रिकोणीय श्रृंखला के दौरान करीब एक दिन के लिए टीम इंडिया वन डे रैंकिंग में नम्बर वन बनी थी। जहां हम टीम इंडिया को बधाई देना चाहते हैं वहीं कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी के शानदार व्यक्तिगत परफारमेंस व टीम की कप्तानी की सराहना करते हैं। अकेले अपने कंधों पर दो मैचों में जीत का सेहरा उन्हीं के सिर पर बंधता है। यह ठीक है कि मेहनत पूरी टीम करती है और क्रिकेट भी टीम गेम है पर अगर कप्तान फ्रंट से लीड करे तो फील्डिंग, बैटिंग व बालिंग सब में सुधार आ जाता है। बुधवार को इंग्लैंड व टीम इंडिया का चौथा वन डे मैच है। इस मैच से श्रृंखला डिसाइड होगी। जिस ढंग से टीम इंडिया का जोश और आत्मविश्वास है उसमें इंग्लैंड द्वारा टीम इंडिया को हराना आसान नहीं लगता पर 20-20 गेम ऐसी है कि जो भी टीम उस दिन बेहतर प्रदर्शन करेगी वही सिकंदर होगी। टीम इंडिया का रैंकिंग में अव्वल नम्बर पर पहुंचना इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि कई शीर्ष खिलाड़ियों ने संन्यास ले लिया है और इस टीम का नए सिरे से पुनर्गठन हुआ है। पाकिस्तान के हाथों मिली शिकस्त और इंग्लैंड के खिलाफ जारी श्रृंखला की शुरुआती हार होने के बाद यह आशंका जरूर पैदा हो गई थी कि अंग्रेजों के सामने भी टीम इंडिया उसी तरह से घुटने टेक देगी जैसा पाकिस्तान के साथ हुआ। लेकिन पहले कोच्चि और फिर रांची में टीम इंडिया ने अंग्रेजों को लगातार बड़े अन्तर से पराजित कर यह साबित कर दिया कि वह बाउंस बैक कर सकती है। नए युवा खिलाड़ियों ने भी समा बांध दिया है। भुवनेश कुमार की जितनी तारीफ की जाए कम है। उसे देखते-देखते इशांत शर्मा और अशोक डिंडा ने भी अपनी गेंदबाजी सुधारी है। सबसे बड़ा अन्तर युवा खिलाड़ियों के टीम में शामिल होने से फील्डिंग पर पड़ा है। वन डे मैच में अगर आप अपनी बेहतरीन फील्डिंग से 20-25 रन बचा लेते हैं तो इससे हार-जीत में कई बार फर्प पड़ जाता है। यह भी संतोष का विषय है कि युवराज सिंह अपने पुराने रंग में लौटते दिख रहे हैं। अब उम्मीद तो यही है कि टीम इंडिया इंग्लैंड के खिलाफ शेष बचे दो मैचों में ही अपना शानदार प्रदर्शन जारी रखेगी और साबित कर देगी कि वह वाकई ही नम्बर वन वन डे टीम है। टीम इंडिया, महेन्द्र सिंह धोनी, चयनकर्ताओं को बधाई।

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