Published on 4 March, 2013
अनिल नरेन्द्र
जैसे-जैसे 2014 के लोकसभा चुनाव करीब आ रहे हैं हमें लगता है कि
प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी भी धीरे-धीरे चुनावी मूड व मोड़ में आ रही है।
इसका स्पष्ट अंदाजा रेड कारपेट स्वागत के साथ शुक्रवार को शुरू हुई भाजपा की राष्ट्रीय
कार्यकारिणी की बैठक से लगाया जा सकता है। भाजपा अब सही दिशा में सही कदम उठा रही है।
मेरी राय में सबसे पहला सही कदम था राजनाथ सिंह को अध्यक्ष बनाना। श्री राजनाथ सिंह
के अध्यक्ष बनते ही भाजपा को एक नई ऊर्जा और दिशा मिली। उन्होंने फटाफट कई ऐसे फैसले
किए जिससे आम कार्यकर्ता में थोड़ा उत्साह पैदा हुआ और वह नेतृत्व से जो कटे हुए थे
उसमें कमी आई। कहने को भले भाजपा के राष्ट्रीय नेता यह कहें कि प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा यह चुनाव
से पहले पार्लियामेंट्री बोर्ड तय करेगा पर जिस तरह से भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के
अधिवेशन में देश के विभिन्न राज्यों से आए नेताओं ने गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र
मोदी का गुणगान किया, उसने संकेत दे दिया कि राज्यों के भाजपा नेतृत्व ने नरेन्द्र
मोदी की उम्मीदवारी पर सहमति की मुहर लगा दी है। दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कार्यकारिणी
के सदस्यों में तो मोदी से मिलने की होड़ मची रही, वहीं पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह
ने भी अपने भाषण में मोदी का तीन बार नाम लिया। गुजरात विजय, लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री
बनने व यूरोपीय संघ द्वारा की गई उनकी तारीफ पर जमकर मेजें थपथपाई गईं। भाजपा ने अभी
मोदी को प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में पेश नहीं किया है, मगर कार्यकारिणी
में उनका स्वागत लगभग उसी तरह हुआ। राष्ट्रीय कार्यकारिणी के मेजबान दिल्ली प्रदेश
के नव निर्वाचित अध्यक्ष विजय गोयल ने एनडीएमसी के सभागार में पार्टी नेताओं का लाल
कालीन बिछाकर स्वागत किया। लगभग डेढ़ साल पहले इसी जगह पर नितिन गडकरी की अध्यक्षता
में हुई कार्यकारिणी में मोदी नहीं आए थे। तब से अब में यह बड़ा अन्तर आया है और इसकी
दो ही वजहें हैं, राजनाथ सिंह और नरेन्द्र मोदी। बैठक के भीतर तो सभी की निगाहें नरेन्द्र
मोदी पर लगी ही रहीं, बाहर भी उनके नाम की गूंज रही। उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री
भगत सिंह कोश्यारी ने बाकायदा मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाए जाने की जोरदार
वकालत करते हुए उन्हें बेहतरीन प्रशासक करार दिया। कोश्यारी ने कहा कि भाजपा को गठबंधन
की चिन्ता किए बगैर अपनी सीटों को बढ़ाने पर जोर देना चाहिए। ट्रेन, बस, चाय की दुकान
सभी जगह मोदी के नाम की चर्चा है कोश्यारी ने कहा। मैं श्री कोश्यारी की इस बात से
सहमत हूं कि पहले भाजपा को अपना घर मजबूत करना होगा। उन्हें कम से कम 200 सीटें अपने
दम-खम पर लानी होगी। अगर भाजपा 140-150 पर अटक गई तो उन्हें कोई सरकार बनाने नहीं देगा।
एक बार भाजपा ड्राइविंग सीट पर आ जाए तो समर्थक दल अपनी खातिर यानी सत्ता भोग की खातिर
जुड़ते चले जाएंगे। आज के राजनीतिक माहौल में अब न तो कोई नीतियां रही हैं और न कोई
उसूल। बस एक ही चीज महत्वपूर्ण है सत्ता सुख भोगना और अपना स्थानीय एजेंडा बढ़ाना।
आज भाजपा की स्थिति यह है कि इतना अनुकूल वातावरण होने के बावजूद भाजपा सत्तारूढ़ कांग्रेस
का विकल्प नहीं बन पा रही है और कांग्रेस का यही सबसे बड़ा ट्रम्प कार्ड है। कांग्रेसी
नेताओं को इतमिनान है कि न भाजपा में एका होगा और न ही कोई प्रभावी नेतृत्व होगा। जनता
को विकल्पहीनता के आधार पर रो-धोकर वापस कांग्रेस को सत्ता में लाना होगा। यह विचारधारा
राजनाथ-मोदी टीम बदल सकती है। कटु सत्य तो यह भी है कि अगर कांग्रेस को किसी नेता से
भय है तो वह एकमात्र नरेन्द्र मोदी हैं। इसीलिए वह नरेन्द्र मोदी पर हमला करने से नहीं
चूकते। वह इसलिए भी नरेन्द्र मोदी को टारगेट करते हैं ताकि अल्पसंख्यक वोट डर से उनकी
ओर आ जाए पर मुसलमानों की चिकिंग में भी चेंज आ रहा है। गुजरात विधानसभा चुनावों में
अल्पसंख्यकों ने खुलकर मोदी का समर्थन किया है। मेरी एक भाजपा के वरिष्ठ नेता से बात
हो रही थी, मैंने उनसे पूछा कि कांग्रेस राहुल गांधी को आगे बढ़ा रही है क्या आपको
लगता है कि देश का युवा ब्रिगेड राहुल के प्रति झुकेगा? उन्होंने जवाब दिया नहीं, राहुल
गांधी बुरी तरह एक्सपोज हो चुके हैं। उन्होंने उत्तर प्रदेश, बिहार में क्या करिश्मा
दिखाया जो अब दिखा देंगे? खैर! अगर 2014 की लड़ाई नरेन्द्र मोदी बनाम राहुल गांधी होगी तो कौन भारी पड़ेगा यह बताना
जरूरी नहीं है। राजनाथ सिंह ने खुले शब्दों में कहा कि 2014 हमारा है। इसी संकल्प के
साथ पार्टी के कार्यकर्ता जी-जान से जुट जाएं। राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक का अधिवेशन
एकदम खुला होता है। इसमें पार्टी के नेता खुलकर अपने विचार रखते हैं। बैठक में देशभर
के करीब चार हजार नेता और कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता
सीपी ठाकुर ने फिर दोहराया कि अगले लोकसभा चुनाव के लिए मोदी की उम्मीदवारी का ऐलान
हो जाना चाहिए। इस मामले में किसी तरह के दबाव में आने की जरूरत नहीं है। यदि यह ऐलान
जल्दी कर दिया गया तो पार्टी कार्यकर्ताओं का हौंसला दोगुना बढ़ जाएगा। मिशन 2014 के
लिए पार्टी को नए उत्साह से लबरेज करते हुए अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने दो टूक शब्दों में
कहा कि 21वीं सदी भाजपा की होगी। 2009 की हार की निराशा को दूर करने व 2014 में विजय
का संकल्प लेते हुए भाजपा अध्यक्ष ने सुशासन, विकास व सुरक्षा को मुख्य मुद्दों के रूप में चिन्हित किया। राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी की बैठकों में अटल जी की अनुपस्थिति खलती
है। वह हमारे प्रेरणास्रोत हैं। उन्होंने उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हुए
कहा कि आडवाणी जी को अटल जी की कमी पूरी करनी होगी।
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