Tuesday 12 March 2013

ओलंपियन बॉक्सर विजेन्द्र सिंह और ड्रग्स?


 Published on 12 March, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
130 करोड़ रुपए की हेरोइन पकड़े जाने के मामले में ओलंपियन बॉक्सर विजेन्द्र सिंह घिरते जा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पंजाब पुलिस ने 3 मार्च को अनूप सिंह कहलो और उसके एक साथी को फतेहगढ़ साहिब के पास गिरफ्तार किया था। उससे पूछताछ के आधार पर बृहस्पतिवार को रात जीरकपुर की शिवालिक विहार कालोनी स्थित निवास स्थान से 26 किलो हेरोइन की बरामदगी हुई थी। मुक्केबाज विजेन्द्र की पत्नी की कार इसी मकान के पास खड़ी मिली थी और इसी के बाद से विजेन्द्र का नाम इस प्रकरण से जुड़ गया। विजेन्द्र ने कार अपने साथी मुक्केबाज राम सिंह को देना स्वीकार किया था। अनूप सिंह कहलो ने पुलिस को बताया कि इस धंधे का सरगना पूर्व कुश्ती खिलाड़ी जगदीश भोला है। भोला अभी फरार है। अर्जुन पुरस्कार और रुस्तम-ए-हिन्द से सम्मानित जगदीश भोला 1993 में भटिंडा में पुलिस में भर्ती हुआ था। विजेन्द्र के दोस्त राम सिंह ने शनिवार को एफटीवी चैनल से कहा कि मैंने और विजेन्द्र ने जनवरी और फरवरी के बीच चार बार ड्रग्स ली। आखिरी बार 26 फरवरी को इसका सेवन किया था। इसके अलावा पुलिस के अनुसार गिरफ्तार अनूप ने कहा है कि विजेन्द्र व उसका दोस्त राम सिंह उसके ग्राहक थे। इस सनसनी फैलाने वाले नशे के धंधेबाज अनूप सिंह कहलो ने शुक्रवार को पुलिस हिरासत में अपने हाथ की नसें काटकर आत्महत्या का प्रयास किया। पंजाब पुलिस ने कहा है कि ओलंपिक कांस्य पदक विजेता बॉक्सर विजेन्द्र सिंह से 130 करोड़ रुपए की हेरोइन बरामदगी मामले में पूछताछ की जाएगी। रविवार को इससे पहले विजेन्द्र के साथी राम सिंह को राष्ट्रीय खेल संस्थान (एनआईएस) से बाहर कर दिया गया। फतेहगढ़ साहिब के एसएसपी हरदयाल सिंह मान के मुताबिक, हम पूछताछ के लिए विजेन्द्र को बुलाएंगे। हालांकि इस समय हमारी जांच अन्य तस्करों को पकड़ने पर केंद्रित है। उन्होंने कहा कि हम इस मामले में तीन-चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। इसके बाद ही विजेन्द्र पर ध्यान देंगे। वहीं हरियाणा पुलिस में डीएसपी 27 वर्षीय विजेन्द्र ने इस प्रकरण से जुड़े होने या ड्रग्स लेने से सिरे से इंकार कर दिया। विजेन्द्र के इस प्रकरण में आने से हरियाणा पुलिस भी सक्रिय हो गई है। आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि क्राइम ब्रांच के एसपी स्तर का एक अधिकारी इस मामले में पंजाब पुलिस से लगातार सम्पर्प बनाए हुए है। सूत्रों ने कहा कि विजेन्द्र की कॉल डिटेल की जांच से खुलासा हुआ है कि वह कहलो के सम्पर्प में था। यहां पर दो बातें हैं। एक तो यह कि क्या विजेन्द्र ड्रग्स इस्तेमाल करते हैं, उनका सेवन करते हैं? दूसरी कि क्या वह ड्रग्स तस्करी में शामिल है? 2008 में पेइचिंग में कांस्य पदक जीतने के बाद विजेन्द्र का ज्यादा ध्यान बॉलीवुड में फिल्मों, विज्ञापनों, रिएलिटी शो पर ज्यादा था और वह काफी समय मुंबई में बिताते थे। उन पर ग्लैमर का नशा पूरी तरह चढ़ गया था। अब देखना यह है कि इस ड्रग्स केस में उनकी इन्वालवमेंट कितनी है। अभी तक प्राप्त संकेतों से इतना तो लगता है कि विजेन्द्र खुद कभी-कभी ड्रग्स का सेवन करते थे।

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