Published on 1 March, 2013
अनिल नरेन्द्र
भारत ने आस्ट्रेलिया को चेन्नई में पहले टेस्ट में
8 विकेट से हराकर चार मैचों की टेस्ट सीरीज में महत्वपूर्ण 1-0 की बढ़त हासिल कर ली
है। जहां यह टेस्ट कई और उपलब्धियों के लिए याद रहेगा वहीं टीम इंडिया के कप्तान महेन्द्र
सिंह धोनी के शानदार दोहरे शतक के लिए हमेशा याद रहेगा। टेस्ट क्रिकेट में अपने प्रदर्शन
को लेकर हमेशा निशाने पर रहने वाले महेन्द्र सिंह धोनी ने रविवार को चेन्नई के एमए
चितम्बरम स्टेडियम में इस असाधारण पारी से अपने तमाम आलोचकों के मुंह बन्द कर दिए।
पुरानी विफलताओं को भुलाते हुए भारतीय कप्तान ने इस बेजोड़ नाबाद दोहरे शतक में अद्भुत
साहस, संयम और सूझबूझ का परिचय दिया। यही नहीं धोनी आस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्प
पर भी भारी पड़े। माही ने विपक्षी कप्तान क्लार्प की शतकीय पारी के जवाब दोहरे शतक
लगाकर दिया। उन्होंने यह भी साबित कर दिया कि कप्तानों की इस जंग में भी वह हारने वाले
नहीं हैं। धोनी की यह पारी इसलिए और भी महत्वपूर्ण रही क्योंकि जब वह क्रीज पर उतरे
थे तब भारत का स्कोर चार विकेट पर 196 रन था। झारखंड के इस 31 वर्षीय विकेटकीपर-बल्लेबाज
की पारी की खास बात यह भी रही कि उन्होंने सुबह के सत्र में आस्ट्रेलियाई दबदबे को
पूरी तरह ध्वस्त कर मैच का रुख कुछ ही घंटों में पूरी तरह भारत की ओर मोड़ दिया। इस
दौरान वे पूरी तरह आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर हावी रहे। जब मन किया सिंगल लिया, जब
चाहा चौका जड़ दिया। धोनी के वर्चस्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि दिनभर
में बने कुल 333 रनों में से 206 रन अकेले उन्हीं के बल्ले से निकले थे। माही अब बतौर
विकेटकीपर बल्लेबाज सर्वाधिक स्कोर का एंडी फ्लावर का रिकार्ड तोड़ने से महज 27 रन
दूर है। फ्लावर के नाम विकेटकीपर के तौर पर 232 रन की सर्वाधिक पारी खेलने का रिकार्ड
है। महेन्द्र सिंह धोनी के बारे में कहा जाता
है कि वह प्रतिभाशाली होने के साथ भाग्य के भी धनी हैं। अभी कुछ समय पहले ही इंग्लैंड
और आस्ट्रेलिया के खिलाफ घर से बाहर टेस्ट सीरीज में क्लीन स्वीप होने और फिर घर में
इंग्लैंड से सीरीज हारने पर उन्हें कप्तानी से हटाने की मांग जोरदार ढंग से की जा रही
थी साथ ही उनके ऊपर टेस्ट क्षमता वाला क्रिकेटर न होने का आरोप लगाया जा रहा था। लेकिन
चेन्नई ने हालात एकदम बदल दिए हैं, जो लोग उनकी आलोचना करते थकते नहीं थे अब वह उनके
गुणगान में जुट गए हैं। उनकी तूफानी गति से यह खेली पारी की जितनी तारीफ की जाए, कम
होगी। मात्र 265 मिनट में 224 रन की पारी और इसमें 24 चौके और 6 छक्के लगाकर धोनी भारतीय
कप्तान के तौर पर सर्वाधिक रन बनाने वाले क्रिकेटर बन गए हैं। चेन्नई टेस्ट में सचिन
तेंदुलकर, विराट कोहली और अश्विन के योगदान को भी याद रखा जाएगा। इतना जरूर है कि महेन्द्र
सिंह धोनी के शानदार प्रदर्शन से माहौल बदल गया है। आस्ट्रेलिया का हौआ टूट चुका है।
अब दबाव आस्ट्रेलिया पर होगा पर टीम इंडिया को यह याद रखना चाहिए कि बेशक पहला टेस्ट
आस्ट्रेलिया हार गया हो पर उनमें बाउंस बैक करने की क्षमता है। टीम इंडिया उसे टेकन
फॉर ग्रांटेड नहीं ले सकती।
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