Wednesday 27 March 2013

इमामों के वेतन बढ़ाने की मांग ः निशाने पर सरकार और वक्फ बोर्ड



 Published on 27 March, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
 दिल्ली सरकार और दिल्ली वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष चौधरी मतीन के खिलाफ दिल्ली की मस्जिदों के इमामों ने मोर्चा खोल दिया है। कुल हिन्द इमाम एसोसिएशन के सदर मौलाना साजिद रशीदी ने दिल्ली सरकार व दिल्ली वक्फ बोर्ड पर आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी इमामों की तनख्वाह में बढ़ोतरी नहीं की गई। उनका आरोप है कि दिल्ली की मुख्यमंत्री शीला दीक्षित से इमाम कई बार मिलने गए लेकिन उन्होंने उनसे मिलने तक का समय नहीं दिया। उन्होंने कहा कि दिल्ली वक्फ बोर्ड के आधीन 371 प्रॉपर्टी हैं। अगर उनको इमामों को सौंप दिया जाए तो सरकार को इमामों के वेतन का पैसा अदा करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। क्योंकि इन प्रॉपर्टियों पर या तो कब्जे हैं या कुछ कम किराए पर उठी हुई हैं। इनसे कम आमदनी का बहाना करके दिल्ली वक्फ बोर्ड इमामों की तनख्वाह बढ़ाने से बच रहा है। उन्होंने बताया कि आज की महंगाई के चलते 6000 रुपए इमाम की तनख्वाह बहुत कम है। सुप्रीम कोर्ट दिल्ली सरकार और सेंट्रल वक्फ बोर्ड को आदेश दे चुका है कि वह मौजूदा ग्रेड के अनुसार इन इमामों को वेतन अदा करें लेकिन वक्फ बोर्ड और दिल्ली सरकार इस आदेश को तिलांजलि दिए हुए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर दिल्ली सरकार ने उनकी मांगें 15 दिनों में नहीं मानीं तो वे मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के खिलाफ आंदोलन करेंगे और उनके आवास के बाहर भूख हड़ताल करेंगे। पिछले दिनों नई दिल्ली में शिया मुस्लिमों के धार्मिक गुरु मौलाना क्लबे जव्वाद ने प्रेस क्लब में एक संवाददाता सम्मेलन किया था। यह सम्मेलन मौलाना जव्वाद ने डीडीए द्वारा महरौली में अवैध रूप से गिराई गई गोसिया मस्जिद को लेकर किया था। मौलाना जव्वाद खासतौर से लखनऊ से दिल्ली इस सम्मेलन के लिए आए थे। उन्होंने कांग्रेस सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार विकास के नाम पर मस्जिद और कब्रगाह को ढहा रही है। यह कार्रवाई अवैध कब्जे की बताकर की जाती है जबकि हकीकत यह है कि वक्फ बोर्ड की जमीन पर सबसे ज्यादा कब्जा सरकार द्वारा किया गया है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने अपने कार्यकाल में लखनऊ में वक्फ बोर्ड की जमीन पर नेहरू और इन्दिरा गांधी के नाम पर भवन बना दिए हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का काम ही है वक्फ बोर्ड की जमीन पर कब्जा करना। उन्होंने कांग्रेस के दो मुस्लिम नेताओं का नाम लेते हुए कहा कि यह मुस्लिमों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। मौलाना साजिद रशीदी ने केंद्र और दिल्ली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड की 271 ऐसी  बड़ी सम्पत्तियां हैं जिन पर सरकारी महकमों का कब्जा है। इनमें से डीडीए के पास ही 172 सम्पत्तियां हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार अगर वक्फ बोर्ड की जमीन लौटा दे तो मुसलमानों को सरकार की मदद की जरूरत ही नहीं पड़ेगी। मौलाना कल्वे जव्वाद ने कहा कि कांग्रेस और वक्फ बोर्ड मुसलमानों के सबसे बड़े दुश्मन हैं। अपने-अपने कारणों से सुन्नी-शिया, दोनों समुदायों के मुसलमान नेता कांग्रेस सरकार और वक्फ बोर्ड के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। इमामों के वेतन की वृद्धि तो जायज मांग है।

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