Sunday 17 March 2013

तीन निजी बैंकों के मनी लांड्रिंग गोरख धंधे का भंडाफोड़




 Published on 17 March, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
भारत ने मजबूत मनी लांड्रिंग कानून तो बना लिए, लेकिन बैंकों ने उसमें भी तमाम छेद निकाल ही लिए। मुश्किल हमारे देश की यह है कि कानून बाद में बनता है उसमें पंक्चर पहले हो जाता है। निजी बैंकों की मनी लांड्रिंग से जुड़ी गतिविधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में देश का रिकार्ड बेहद खराब है। पिछले वर्ष भारत ने ब्रिटेन के बैंक एचएसबीसी के खिलाफ इसी तरह के एक मामले की जांच की थी। लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो सकी। इसके उलट अमेरिका ने ऐसे ही मामले में एचएसबीसी पर लगभग दो अरब डॉलर का जुर्माना ठोंक दिया। अब फिर आईसीआईसीआई, एचडीएफसी और एक्सिस बैंक पर मनी लांड्रिंग यानी काले धन को सफेद करने का गम्भीर आरोप लगा है। यह आरोप ऑनलाइन पत्रिका कोबरा पोस्ट ने एक स्टिंग ऑपरेशन `रेड स्पाडर' के जरिये लगाया है। कोबरा पोस्ट ने निजी क्षेत्र के तीन दिग्गज बैंकों में हो रहे इस गोरख धंधे को उजागर किया है। स्टिंग ऑपरेशन के जरिये कुछ घंटों की रिकार्डिंग के फुटेज के कुछ हिस्से गुरुवार को जारी किए गए। कोबरा पोस्ट के संस्थापक अनिरुद्ध बहल ने बताया, इन बैंकों की देशभर की दर्जनों शाखाओं में खुलेआम काले धन को सफेद करने (मनी लांड्रिंग) का काम जारी है। बैंक यह सेवा अपने ग्राहकों से इतर लोगों को भी दे रहे हैं। यह देश के मनी लांड्रिंग कानून का खुला उल्लंघन है। पूरा लेन-देन इस तरह से किया जाता है कि ग्राहकों को कोई भी कर नहीं देना पड़े। इससे सरकार को करोड़ों रुपए के टैक्स का नुकसान भी हो रहा है। कोबरा पोस्ट के मुताबिक बैंक ऐसे करते हैं काले धन को सफेद ः ग्राहक के घर जाकर मशीन से गिनकर नकद ले जाना। रायल्टी गोल्ड सहित विभिन्न वित्तीय उत्पादों में बिना पैन कार्ड और केवाईसी के रकम का निवेश करना। रकम को छोटे-छोटे हिस्सों में बांटकर बेनामी खातों के जरिये बैंकिंग चैनल में डालना, रकम सफेद होने के बाद खाते को बन्द करना। दूसरों के खाते में रकम डालकर उसे सफेद करना और बदले में दूसरे खातेदारों से फीस लेना। ग्राहक के खाते को दिखाए बिना रकम से अपने या बैंक की दूसरी शाखा से ड्राफ्ट बनवा कर ग्राहक के नाम निवेश करना। करोड़ों रुपए नकद रखने के लिए ग्राहकों को बने लॉकर की विशेष सुविधा उपलब्ध कराना और एनआरआई और एनआरओ खाते के जरिये रकम विदेश भेजने की भी व्यवस्था प्रदान की जा रही है। इन सेवाओं को देशभर में एक `स्टैंडर्ड प्रोडक्ट' के रूप में उपलब्ध कराया जाता है। कोबरा पोस्ट ने मनी लांड्रिंग के मामलों में इन बैंकों के आला अधिकारियों के शामिल होने का भी आरोप लगाया है। इन बैंकों और उनके प्रबंधन ने व्यवस्थित तरीके से रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों, आयकर कानून, फेमा, केवाईसी कॉमर्स, बैंकिंग कानून और मनी लांड्रिंग रोकथाम अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। देखें, सरकार व देश की वित्तीय संस्थाएं इन आरोपी बैंकों के खिलाफ क्या कार्रवाई करती हैं?

No comments:

Post a Comment