Sunday 31 March 2013

मुलायम की बढ़ती तल्खी निशाने पर संप्रग और कांग्रेस



 Published on 31 March, 2013 
 अनिल नरेन्द्र 
 पिछले कुछ दिनों से सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव और कांग्रेस पार्टी में तल्खी बढ़ गई है। यह तकरार कहां जाकर रुकेगी, कहा नहीं जा सकता पर जिस तरह से दोनों पक्ष एक-दूसरे को धमका रहे हैं उससे नहीं लगता कि इनका साथ अब ज्यादा दिन चलने वाला है। मुलायम सिंह यादव ने कांग्रेस को धोखेबाज और चालाक लोगों की पार्टी करार दिया है।  बुधवार को सैफई में मुलायम पूरे जोश में दिखे। उन्होंने कहा कि जनता केंद्र की यूपीए सरकार के भ्रष्टाचार से ऊब चुकी है और कांग्रेस से लोगों का मोहभंग हो चुका है। लोगों के पास अब तीसरा मोर्चा ही विकल्प है। इधर आजम खान ने भी कांग्रेस पर वार करते हुए कह दिया कि राहुल और प्रियंका गांधी एक सिक्के के दो पहलू हैं। जिसमें से राहुल खोटे सिक्के हैं। यूपीए सरकार की सबसे बड़ी सहयोगी रही डीएमके के समर्थन वापसी के बाद मुलायम सिंह ने सियासी दांव-पेंच तेज कर दिए हैं। हाल ही में उन्होंने भाजपा के वरिष्ठ नेता एलके आडवाणी की जमकर तारीफ कर दी थी। तंग आकर डॉ. मनमोहन सिंह ने रिएक्ट करते हुए दक्षिण अफ्रीका से लौटते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव अपने समय पर 2014 में होंगे। पीएम ने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी समर्थन वापस ले सकती है। प्रधानमंत्री को जवाब देते हुए एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू के दौरान कहा कि संप्रग से समर्थन वापसी की उनकी फिलहाल कोई योजना नहीं है। मुझे नहीं पता कि प्रधानमंत्री ने किस आधार पर यह टिप्पणी की मुलायम ने कहा पर साक्षातकार में कांग्रेस पर हमला करने से बाज नहीं आए। मुलायम ने कहा कि कांग्रेस अपनी सरकार सीबीआई और इन्कम टैक्स विभाग के जरिए बचा रही है। कांग्रेस हमेशा से अपनी सरकार बचाने के लिए इन दोनों विभागों को हथियार बनाती  रही है। कांग्रेस भरोसेमंद पार्टी कभी नहीं रही। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास बहुत कागज हैं। पता नहीं कहां-कहां से कागज लाती है। मीडिया की ताकत भी कांग्रेस के साथ है। दिल्ली में रोज बलात्कार होते हैं लेकिन मीडिया यूपी के मामले ज्यादा उठाती है। मुलायम सिंह एक नहीं, दर्जनों बार कह चुके हैं कि यह संप्रग सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं करेगी। अब उन्होंने कहा कि नवम्बर  में आम चुनाव हो सकते हैं। हालांकि कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव की तैयारी नवम्बर 2012 से शुरू कर दी है लेकिन डीएमके के समर्थन वापसी के बाद पार्टी और सरकार में बेचैनी जरूर बढ़ी है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी मुलायम सिंह पर जैसे ही बजट सत्र समाप्त होता है हल्ला बोल देगी। कानून व्यवस्था के साथ-साथ भाजपा के प्रति मुलायम की नरमी जैसे दो दर्जन से ज्यादा मुद्दों पर सपा सरकार को घेरा जाएगा। उत्तर प्रदेश चुनाव से उलट यह आंदोलन ऊपर से न शुरू होकर ब्लॉक, तहसील, जिला और प्रदेश स्तर पर छेड़ा जाएगा। कांग्रेस मान रही है कि वाम दल व बसपा जैसे दल अभी चुनाव नहीं चाहते। वाम मोर्चा पश्चिम बंगाल में जहां ममता बनर्जी सरकार के खिलाफ लोगों का गुस्सा बढ़ने का इंतजार कर रहा है वहीं मायावती भी मान रही हैं कि उत्तर प्रदेश में हर दिन सपा सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर बढ़ती जा रही है। उधर द्रमुक भी सरकार से बाहर जाने के बावजूद केंद्र के खिलाफ नहीं दिख रही। इन हालात में मुलायम के समर्थन वापस लेने से भी सरकार शायद ही संकट में आए। अभी फिलहाल संप्रग सरकार और कांग्रेस की प्राथमिकता संसद से बजट पारित कराने की है, इसीलिए कांग्रेस बजट सत्र निपटते ही मुलायम और अखिलेश सरकार के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जोरदार अभियान छेड़ेगी। संसद में सपा के साथ की जरूरत होने के साथ-साथ इन दिनों कांग्रेस उत्तर प्रदेश में संगठन को दुरुस्त करने की कवायद भी तेजी से चला रही है। मुलायम का हल्ला बोल क्या रंग लाता है, कब लाता है, यह कहना मुश्किल है?

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