Thursday 2 April 2020

तबलीगी जमात क्या है

इन दिनों निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के मरकज अखबारों की सुर्खियों में हैं। मरकज में रहने वाले नौ लोगों की कोरोना संक्रमण (कोविड-19) से देश के अलग-अलग हिस्सों में मौत हो गई जबकि 24 लोग संक्रमित पाए गए हैं। यहां से निकाले गए 334 लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है जबकि 700 लोगों को आइसोलेशन में भेजा गया है। यह मरकज किसलिए आयोजित किया गया, कौन है तबलीगी जमात? यह एक धार्मिक संस्था है जो 1920 से चली आ रही है। दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में इसका हैडक्वार्टर है, जिसे मरकज भी कहते हैं। मौलाना आजाद नेशनल उर्दू यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर रहे जफर सुरेशवाला तबलीगी जमात से सालों से जुड़े हैं। उनके मुताबिक यह विश्व की सबसे बड़ी मुसलमानों की संस्था है। इसके दुनियाभर में 140 देशों में सेंटर हैं। भारत के सभी बड़े शहरों में इसका मरकज है यानि केंद्र है। इन मरकजों में इज्तेमा सालभर चलती रहती है। मतलब लोग आते-जाते रहते हैं। कोरोना संक्रमण के पॉजिटिव मामले पाए जाने की खबर फैली तब भी वहां इज्तेमा चल रही थी। इत्जेमा के दौरान हर राज्य से हजारों की संख्या में लोग आते हैं। हर इत्जेमा तीन-पांच दिन तक चलती है। मार्च के महीने में भी यहां कई राज्यों से लोग इत्जेमा के लिए आए थे जिसमें कई विदेशी भी थे। भारत के साथ-साथ पाकिस्तान में भी इत्जेमा उसी वक्त चल रहा था। हालांकि विदेशों में कई जगह पर कोरोना के मामले बढ़ते ही इस तरह के आयोजन पर पूरी रोक लगा दी गई थी। लेकिन दिल्ली में ऐसा नहीं हुआ। ताजा घटनाक्रम को देखते हुए सोमवार देर रात तबलीगी जमात ने एक प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट के मुताबिक उनका यह कार्यक्रम सालभर पहले से तय था। जब प्रधानमंत्री ने जनता कर्फ्यू का ऐलान किया था, तब तबलीगी जमात ने अपने यहां चल रहे कार्यक्रम पर तुरन्त रोक लगा दी थी। लेकिन पूर्ण लॉकडाउन के ऐलान के पहले भी कुछ राज्यों ने अपनी तरफ से ट्रेन और बस सेवाएं रोक दी थीं। इस दौरान जहां के लोग वापस जा सकते थे उनको वापस भेजने का पूरा बंदोबस्त तबलीगी जमात प्रबंधन ने किया। इसके तुरन्त बाद प्रधानमंत्री ने पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी। जिसकी वजह से कई  लोग वापस नहीं जा सके और वह वहीं मरकज में रह रहे थे। प्रेस रिलीज में ऐसे लोगों की तादाद 1000 के करीब बताई गई है। यह पूरा मामला पुलिस तक 24 मार्च को पहुंचा जब स्थानीय पुलिस ने मरकज को बंद करने के लिए नोटिस भेजा। यह वही तबलीगी जमात है जिसका एक धार्मिक आयोजन मलेशिया में कुआलालंपुर की एक मस्जिद में 27 फरवरी से एक मार्च तक था। ऐसी कई मीडिया रिपोर्ट भी सामने आई है जिससे पता चलता है कि इसी आयोजन में आए लोगों ने दक्षिण-पूर्व एशिया के कई देशों में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलाया है। अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक मलेशिया में कोरोना संक्रमण के कुल जितने मामले पाए गए हैं उनमें से दो-तिहाई तबलीगी जमात के आयोजन के हिस्सा थे। ब्रुनेई में कुल 40 में से 38 लोग इसी मस्जिद के आयोजन में शामिल होने वाले कोरोना के संक्रमित पाए गए। पाकिस्तान के डॉन अखबार के मुताबिक तबलीगी जमात के आयोजन में शामिल कई लोगों ने उनके देश में भी कोरोना संक्रमण फैलाया। दिल्ली में तकरीबन 1200 लोगों ने इस आयोजन में शिरकत की थी, जिनमें 500 लोग विदेशों से आए थे।

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