देश में कई नेताओं के लॉकडाउन को गंभीरता से न लेने
के मामले सामने आए हैं। कर्नाटक के भाजपा विधायक ने सरकारी स्कूल में जन्मदिन की पार्टी
दी। इलाके की जनता ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और बिरयानी बांटी। उधर पनवेल में एक भाजपा
पार्षद को लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर गिरफ्तार कर लिया गया। यह पार्षद 11 दोस्तों के साथ जन्मदिन की पार्टी
कर रहे थे। ऐसी ही घटना झारखंड के जामताड़ा में हुई। इस बीच देश में कोरोना के नए केसों
पर सबसे बड़ा आंकड़ा सामने आया है। दिल्ली व अन्य शहरों में सब्जी लेने वालों की भीड़
लग रही है। यहां न तो सोशल डिस्टेंसिंग हो रही है और न ही छुआछूत की। अगर ऐसे ही मामला
चलेगा तो लॉकडाउन का उद्देश्य फेल हो जाएगा। दुखद पहलू यह भी है कि लॉकडाउन का उल्लंघन
करने वाले पढ़े-लिखे नेता हैं। शायद वह समझते हैं कि चूंकि उनकी
पार्टी की सरकार है इसलिए वह बच जाएंगे। यह कोरोना न तो पार्टी को देखता है,
न ही बड़े से बड़े नेता को। यह लोग अपनी जान तो खतरे में डाल ही रहे
हैं, साथ-साथ अपने हमदर्दों व दोस्तों की
भी खतरे में डाल रहे हैं।
-अनिल नरेन्द्र
No comments:
Post a Comment