Tuesday 14 April 2020

पुश्तैनी पेशा छोड़ सब्जी बेचने पर मजबूर

कोरोना वायरस (कोविड-19) के प्रकोप के कारण देश में लॉकडाउन की स्थिति है। लॉकडाउन की स्थिति में लोग अपने पुश्तैनी पेशे को छोड़कर तरह-तरह के काम करने पर मजबूर हैं ताकि वह अपने बच्चों का पेट पाल सकें। चाहे नाई हो, धोबी हो, मोची हो और हलवाई हो अपने हुनर के कई उस्तादों को जीवन-यापन करने के लिए सब्जी बेचने का काम करने पर मजबूर कर दिया है। देश के हर हिस्से में लगभग यही स्थिति है। लॉकडाउन लागू होने के कारण नाई, धोबी, मोची और हलवाई का काम बंद हो गया है जिसके कारण उनके परिवार के समक्ष दो वक्त की रोटी की समस्या उत्पन्न हो गई है। उस्तरा चलाने पर संतुलन साधने में माहिर हाथ, कपड़े पर इसी के समय सजग दिमाग, तेज और नुकीले औजार से अपनी कला को नया स्वरूप देने वाले तथा अनुभवी हाथों से लजीज व्यंजन तैयार करने वाले लोग इन दिनों सब्जी का ठेला लगा रहे हैं। प्रशासनिक सख्ती से न केवल सड़कें सुनसान नजर आ रही हैं बल्कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर और गुरुद्वारों में वीरानगी छाई हुई है जिसकी वजह से इन धर्मस्थलों के बाहर कोई फूल बेचने वाला नहीं है। जो किसान फूलों की खेती करते हैं, उनसे कोई खरीदने वाला नहीं है। राष्ट्रीय राजधानी में ठेले पर सब्जी बेचने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि वह पेशे से नाई है लेकिन लॉकडाउन के चलते शहर के चौक-चौराहों पर कुर्सी नहीं लगा पा रहा है। सब्जी बेच रहे एक अन्य व्यक्ति ने खुद को पेशे से मोची बताते हुए कहा कि दफ्तर और परिवहन के साधनों के बंद होने से लोग घर के बाहर कम निकल रहे हैं जिससे पालिश का काम बंद हो गया है। कई धोबियों ने अपने पुश्तैनी धंधे को छोड़कर ठेले पर फल बेचना शुरू कर दिया है। कई हलवाई भी पेशे से विरत होकर अब सब्जी बेच रहे हैं। कबाड़ी, ठेला, -रिक्शा चलाने और इस प्रकार के अन्य कार्य करने वाले ज्यादातर लोग साझेदारी में सब्जी बेच रहे हैं। मांस-मछली के व्यवसायी अब चिकन बेचने में जुटे हैं। दर्जी का काम कर अपने परिवार की परवरिश करने वाले लोग नए पेशे की तलाश को लेकर उधेड़बुन में लगे हैं। कई इलाकों में लोग सब्जी उपलब्ध कराकर अपना पेट पाल रहे हैं। आईपी एक्सटेंशन के एक अपार्टमेंट में आवश्यक वस्तु मंगाने के लिए फोन नम्बर की सूची है तो सब्जी की दुकान चारदीवारी के साथ ही  लगी है। करीब 15-20 साल से यहां सब्जी की दुकान लगाने वाले साबिर अली ने कहाöसाहब लोगों को कोई दिक्कत नहीं होने देते। सबके पास टेलीफोन नम्बर है, वो फोन करते हैं, हम सामान जुटा देते हैं। सब्जी के अलावा अगर कोई बाहर से सामान मंगाना चाहे तो भी वो  लाकर देते हैं। साबिर अली ने कहा कि सब्जी के साथ ब्रैड, अंडा, फल देता हूं। दूध-दही के अलावा दवाई या अन्य सामान भी मांगते हैं तो वो भी लेकर उन्हें पहुंचा देते हूं। आखिर लंबे समय से यहां बैठे हैं, हेल्प तो करनी ही चाहिए। वो बताते हैं कि पुलिस वाले कह रहे हैं कि जो सामान आपके पास नहीं है, वो सामान भी रखिए। आपको जितनी देर दुकान खोलनी है, खोलें। साबिर अली ने सैनिटाइजर व मास्क भी रखे हुए हैं। सब्जी में हाथ डालने से पहले हाथ धोते हैं।

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