Friday 17 April 2020

तेज गर्मी में कोरोना संक्रमण दर में कमी संभव

कोरोना वायरस का पहला मामला बीते साल दिसम्बर में चीन के वुहान शहर में सामने आया था। उसके बाद से वायरस महामारी का रूप ले चुका है और पूरी दुनिया में फैल चुका है। इसे लेकर दुनियाभर में सरकारें अपने नागरिकों को सतर्प कर रही हैं और इस वायरस के संक्रमण से बचने के लिए जानकारी साझा कर रही हैं। लेकिन इसे लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है और इस कारण लोगों के मन में कई तरह के सवाल हैं। कई जगह इस तरह के दावे किए जा रहे हैं कि गर्मी की मदद से कोरोना वायरस खत्म किया जा सकता है। कई दावों में पानी को गर्म करके पीने की सलाह दी जा रही है। यहां तक कि नहाने के लिए भी गर्म पानी के इस्तेमाल की बात कही जा रही है। बीते दिनों से सोशल मीडिया पर इस तरह के दावों की भरमार है। एक पोस्ट जिसे कई देशों में हजारों लोगों ने शेयर किया है, उसमें दावा किया गया कि गर्म पानी पीने और सूरज की रोशनी में रहने से इस वायरस को मारा जा सकता है। इस दावे में आईसक्रीम को न खाने की सलाह भी दी गई है। एयर कंडीशनर न इस्तेमाल करने को भी कहा गया है। इतनी ही नहीं, इस मैसेज के साथ फर्जी तरीके से यह भी बताया जा रहा है कि यह तमाम बातें यूनिसेफ ने कही हैं। यूनिसेफ में काम करने वाली चार्लेट गोर्निज्क ने इस तमाम दावों को सिरे से नकारते हुए इन्हें भ्रामक बताया। उन्होंने साफ कहा कि हमारे पास ऐसा कोई एविडेंस नहीं है जिससे यह दावे से कहा जा सके कि कोरोना वायरस गर्मी में मर जाता है। वहीं भारतीय सूक्ष्म जीव वैज्ञानिकों ने कहा है कि देश में तेज गर्मी पड़ने के दौरान कोरोना वायरस के संक्रमण की दर में कमी आ जाती है। एनआईएच और प्रोजेक्ट एप्रेक्स पर अमेरिकी सेना के लैब में काम कर चुके भारतीय माईक्रो बायोलॉजिस्ट प्रोफेसर वाई. सिंह ने बताया कि अप्रैल अंत तक 40 डिग्री से अधिक तापमान कोरोना वायरस के असर को कम कर सकता है। सीएमआईआर के इंस्टीट्यूट ऑफ जिनोमिक्स इंटीग्रेटिड बायोलॉजी के चीफ साइंटिस्ट रहे प्रोफेसर सिंह ने कहाöतापमान अधिक होने पर किसी भी सतह पर वायरस के जीवित रहने की अवधि कम होगी। सतह या एटोसोल के माध्यम से इंसानों में उसका संक्रमण कम होगा। लेकिन कोई संक्रमित है तो बाहर के तापमान उस पर कोई असर नहीं होगा। अमेरिका के प्रसिद्ध संक्रामक रोग विशेषज्ञ एंथनी फौसी के साथ काम कर चुके प्रख्यात बायोलॉजिस्ट डॉ. अखिल सी. बनर्जी के अनुसार अगर तापमान 39 या 40 डिग्री के आसपास है तो यह वायरस को निक्रिय करने में मदद करेगा। हम तो यही मानकर चलें कि जैसे-जैसे तापमान बढ़ेगा इस मनहूस बीमारी का प्रकोप कम होता जाएगा।

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