Saturday, 11 April 2020

3 महीने छूट की कीमत 11 अधिक ईएमआई

ईएमआई जमा करने से दी गई तीन महीने की छूट यानि मोरेटोरियम के एवज की सुविधा तो दी गई है पर अंत में यह खाताधारियों को महंगी पड़ेगी। बैंक अपने खुदरा ऋण खाताधारियों से डेढ़ से 11 महीने तक की अतिरिक्त ईएमआई वसूल लेगा। खाताधारी अगर किस्तें नहीं चुका पा रहे हैं तो अपनी साख बचाने के लिए ईएमआई की कई गुना रकम चुकानी होगी। ऐसा मोरेटोरियम में किए गए प्रावधान और पुराने नियम को दरकिनार करने का कारण होगा। लॉकडाउन को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने ईएमआई स्थगन (मोरेटोरियम) का मौका दिया यानि पहली मार्च से 31 मई, 2020 के बीच किस्तें न देने से खाता एनपीए नहीं होगा। इस अवधि के दौरान बहरहाल ब्याज देना होगा। यह ब्याज ईएमआई पर न लगकर मूलधन पर लगेगा। ब्याज की दर वही होगी जो ऋण लेने के समय तय हुई थी। इसकी एकमुश्त अदायगी भी कर सकते हैं और मूलधन में जुड़वाकर ईएमआई के रूप में भी दे सकते हैं। ऐसे समझें मोरेटोरियमö20 लाख रुपए का ऋण 20 साल यानि 240 महीने के लिए 8.4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर पर लिया गया। ईएमआई करीब 17,230 रुपए हुई। 12 किस्तें दी जा चुकी हैं। अभी 19 साल की किस्तें बाकी हैं। मूलधन में करीब 46 हजार रुपए कटे हैं यानि 19.54 लाख रुपए का मूल कर्ज बाकी है। मोरेटोरियम का लाभ लेने पर मई 2020 तक की किस्तें 241वीं, 242वीं और 243वें महीने जमा करनी होंगी। मूलधन 19.54 लाख रुपए पर 8.40 प्रतिशत की दर से तीन महीने का 41,034 रुपए बकाया देना होगा। एकमुश्त ब्याज देते हैं तो जून 2020 में जमा करना होगा और यह ईएमआई का करीब ढाई गुना हुआ। अगर इस मूलधन में जुड़वाते हैं इस ब्याज पर भी 8.40 प्रतिशत की दर से 19 साल का ब्याज लगेगा, जो 82,308 रुपए होगा यानि करीब पांच ईएमआई अधिक हैं। समान ब्याज दर पर 30 साल के लिए 20 लाख रुपए का कर्ज पर ईएमआई 15,237 रुपए होगी। एक साल की किस्त दी है तो करीब 29.65 लाख रुपए मूलधन बाकी होगा। इस पर तीन माह का ब्याज 62,265 रुपए होगा। इसे किस्तों में देने पर करीब 1,64,952 रुपए देने होंगे। यानि करीब 11 ईएमआई अधिक देनी होगी। पंजाब नेशनल बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी भी इस बात को मानते हैं कि मोरेटोरियम पीरियड खाताधारियों को महंगा पड़ेगा। पुरानी व्यवस्था को ध्यान में रखते तो खाताधारियों को बहुत सहूलियतें मिल जाती हैं। सामान्य व्यवस्था में अगर किसी खाताधारक की ईएमआई बाउंस होती है तो वह पेनाल्टी इंटरेस्ट देकर खाता चालू कर सकता है। ऐसा करने के लिए उस पर केवल ईएमआई पर पेनाल्टी इंटरेस्ट देना होता है। अभी एकमुश्त लिया जा रहा ब्याज ढाई से चार किस्त के बराबर पड़ रहा है। अगर पेनाल्टी इंटरेस्ट लेते तो इतनी चोट नहीं पड़ती। इसलिए अगर संभव हो तो खाताधारी इस मोरेटोरियम की सुविधा न लें और समयानुसार अपनी किस्तें भरें तो बेहतर होगा। हां मजबूरी है तो क्या कर सकते हैं?

-अनिल नरेन्द्र

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