Saturday 18 April 2020

डॉक्टरों और पुलिस पर यह पथराव कौन करा रहा है?

यह अत्यंत दुख और चिंता का विषय है कि देश के कई हिस्सों में कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे डॉक्टरों की टीम और पुलिस पर हमले हो रहे हैं। यह हमारी समझ से बाहर है कि यह कैसे लोग हैं जो इस कठिन समय में ऐसी घिनौनी हरकतें कर रहे हैं। जो डॉक्टर उन्हीं को बचाने के लिए कोरोना की जांच करने आए हैं उन्हीं पर पत्थर बरसाना? यह कैसी प्रवृत्ति के लोग हैं जो मानवता के इन योद्धाओं पर फूल बरसाने की जगह पत्थर बरसा रहे हैं और यह एक-दो जगह पर नहीं हो रहा, देश के कई शहरों में हो रहा है। बुधवार को उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद और बिहार के औरंगाबाद जिले में डॉक्टर और पुलिस दोनों पर हमला किया गया। दोनों ही जिलों में हुई घटना में लोगों को चोटें आई हैं। इसके अलावा बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि प्रखंड क्षेत्र में बुधवार को कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर जागरुकता फैलाने पहुंचे प्रशासनिक और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर ग्रामीणों ने हमला कर दिया। घटना में पांच लोग जख्मी हो गए। मुरादाबाद में कोरोना के कारण नागफनी के नवाबपुरा स्थित हाजी नेब वाली मस्जिद के पास रहने वाले सरताज अली की मंगलवार को मौत हो गई थी। मंगलवार को डॉक्टर और स्वास्थ्य विभाग की टीम सरताज से जुड़े लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए हाजी नेब वाली मस्जिद के पास गई थी। तभी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस वालों पर कुछ लोगों ने पथराव करना शुरू कर दिया। इन उपद्रवियों ने एम्बुलेंस और एसएचओ की गाड़ी भी तोड़ दी। हमले में डॉक्टर एससी अग्रवाल, ईएमटी पंकज सिंह, चालक मुनिराज सिंह, फार्मासिस्ट संजीव समेत पांच लोग घायल हो गए। मुरादाबाद के एसएसपी पाठक ने कहा कि शामिल लोगों की पहचान की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ रासुका (एनएसए) के तहत कार्रवाई होगी। उधर औरंगाबाद जिले के गोह थाना के अधौनी गांव में दिल्ली से आए एक युवक की जांच के लिए पहुंचे गोह के बीडीओ, थानाध्यक्ष और मेडिकल टीम पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें चार लोग घायल हो गए। मेडिकल टीम को लेकर गई पुलिस टीम के अलावा गोह के बीडीओ व गोह थानाध्यक्ष जान बचाकर भागे। संभल में कोरोना पॉजिटिव मामले आने पर हॉटस्पॉट बने इलाकों में लोगों ने बुधवार को हेल्थ क्रीनिंग टीम का विरोध किया। महिला कर्मचारियों से लोगों ने अभद्रता की तो नोकझोंक के हालात से महिला कर्मचारी जैसे-तैसे बैरंग लौट गए। दिल्ली के अस्पताल में भी महिला स्वास्थ्य कर्मचारियों से अभद्रता का मामला सामने आया है। यह लोग कौन हैं जो इस प्रकार से डॉक्टरों और पुलिस पर हमला कर रहे हैं? क्या इसके पीछे कोई साजिश है? अगर ऐसा नहीं है तो देश के विभिन्न भागों में इस तरह का बर्ताव क्यों हो रहा है? दिल्ली में मरकज जमात के लोगों ने बड़ी तबाही मचाई है। प्रशासन को ऐसे तत्वों की पहचान करके कड़ी से कड़ी सजा देनी चाहिए। यह लोग कोरोना के साथ-साथ मानवता के भी दुश्मन बन गए हैं। ऐसा लगता है कि कोई उन्हें ऐसा करने के लिए उकसा रहा है। हमारी समझ से बाहर है कि अगर ऐसा किया जा रहा तो आखिर क्यों? हम डॉक्टरों और पुलिस व प्रशासन का शुक्रिया करते हैं कि तमाम ओछी हरकतों के बावजूद वह अपनी ड्यूटी निभा रहे हैं। इन्हें हमारा सलाम।

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