Friday, 3 April 2020

तबलीगी जमात और आतंकी संगठन

इस्लामी मिशनरियों के वैश्विक संगठन तबलीगी जमात का पाकिस्तान स्थित प्रतिबंधित संगठन हरकत उल मुजाहिद्दीन (एमयूएम) से जुड़ाव का लंबा इतिहास रहा है। भारतीय जांचकर्ताओं और पाकिस्तानी विश्लेषकों के मुताबिक हरकत उल मुजाहिद्दीन के मूल संस्थापक तबलीगी जमात के सदस्य थे। हरकत उल जेहाद अल इस्लामी  (हूजी) से टूटकर 1985 में बने हरकत उल मुजाहिद्दीन ने अफगानिस्तान से तत्कालीन सोवियत संघ गठबंधन की सत्ता उखाड़ फेंकने के लिए पाकिस्तान समर्थक जेहाद में भी हिस्सा लिया था। खुफिया अनुमानों के मुताबिक छह हजार से ज्यादा तबलीगियों को पाकिस्तान स्थित आतंकी शिविरों में प्रशिक्षित किया गया था। अफगानिस्तान में सोवियत संघ की हार के बाद हरकत उल मुजाहिद्दीन और हूजी कश्मीर में सक्रिय हो गए थे और उन्होंने सैकड़ों बेगुनाह नागरिकों की हत्या की। हरकत उल मुजाहिद्दीन के सदस्य बाद में मसूद अजहर के नेतृत्व में बने आतंकी संगठन जैश--मोहम्मद में शामिल हो गए। गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाने में तबलीगी जमात पर संदेह जताया गया था। भारतीय खुफिया अधिकारी और सुरक्षा विशेषज्ञ बी. रमन ने अपने एक लेख में लिखा था कि तबलीगी जमात, पाकिस्तान और बांग्लादेश स्थित शाखाओं के हरकत उल मुजाहिद्दीन, हरकत उल जेहाद अल इस्लामी, लश्कर--तैयबा और जैश--मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के साथ जुड़ाव को लेकर समय-समय पर ध्यान जाता रहा था। रमन ने इस बात का खासतौर पर उल्लेख किया था कि हरकत उल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठनों के सदस्य खुद को तबलीगी जमात का प्रचारक दर्शा कर वीजा हासिल करते थे और विदेश जाकर पाकिस्तान में आतंकी प्रशिक्षण के लिए मुस्लिम युवाओं की भर्ती करते थे। जमात ने  चेचन्या, रूस के वागिस्तान क्षेत्र, सोमालिया और कुछ अफ्रीकी देशों में बड़ी संख्या में समर्थक तैयार कर लिए थे। इन सभी देशों की खुफिया एजेंसियों को संदेह था कि पाकिस्तान स्थित संगठन अलग-अलग देशों के मुस्लिम समुदायों में स्लीपर सेल तैयार करने के लिए इन प्रचारकों का इस्तेमाल कर रहे थे। तबलीगी जमात कभी अमेरिकी जांच के दायरे में भी आई थी। अमेरिका में आतंकी हमले के बाद संघीय जांचकर्ताओं ने तबलीगी जमात में रुचि दिखाई थी। इस पर अलकायदा में भर्ती के लिए जमीन तैयार करने का संदेह था। न्यूयॉर्प टाइम्स में 14 जुलाई 2003 को प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार एफबीआई की अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद टीम के उपप्रमुख माइकल जे. हेइमबम ने कहाöहमने अमेरिका में तबलीगी जमात की। उल्लेखनीय मौजूदगी पाई है कि अलकायदा भर्ती के लिए इनका इस्तेमाल करता है, हालांकि न तो तबलीगी जमात और न ही इसका कोई सदस्य किसी अपराध या आतंकवाद का समर्थन करने के मामले में आरोपित किया गया है। इसके बावजूद अमेरिकी अधिकारी ने इस संगठन को लेकर सचेत रहने को कहा। जबकि जमात ने अमेरिकी सरकार के उस तर्प को पूरी तरह अनुचित करार दिया कि यह संगठन आतंकियों की भर्ती के लिए जमीन तैयार करता है।

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