दिल्ली में विकराल हो रहे कोरोना वायरस का प्रकोप अब
समुदाय में फैलने लगा है यह चिन्ता की बात है। जहांगीरपुरी इलाके में एक परिवार और
उससे जुड़े 26 लोगों का संक्रमित होना व
तुगलकाबाद में एक ही गली के 35 कोरोना पॉजिटिव मरीज का मिलना
ऐसी खतरे की घंटी है, जिसका संज्ञान हम सबको लेना चाहिए।
21 दिन के लॉकडाउन के बाद भी दिल्ली की स्थिति में सुधार नहीं हो पा
रहा है। तिलक नगर में भी 21 लोग कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। स्वास्थ्य
विभाग की मानें तो 14 दिन के लिए बढ़ाए गए लॉकडाउन के दौरान यदि
ऐसे मामले आते रहे तो समस्या और बढ़ेगी। तुगलकाबाद एक्सटेंशन की गली नम्बर
26 में करीब 93 लोगों के टेस्ट करवाए गए थे। इस
टेस्ट की रिपोर्ट में 35 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं जिसके बाद पूरे
इलाके को सील कर दिया गया है। विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस गली में सबसे छोटी मरीज
एक साल की लड़की है। फिलहाल उसके सैंपल नहीं लिए गए। यहां पांच साल से 61 साल तक के मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। फिलहाल इलाके को सील कर दिया गया
है। बता दें कि जहांगीरपुरी में के-सी ब्लॉक में एक ही परिवार
के 31 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए थे। अधिकारियों ने सभी लोगों
को नरेला स्थित क्वारंटाइन सेंटर में भेज दिया है। जाहिर है कि कोरोना संक्रमण का प्रसार
नहीं होना चाहिए। किन्तु यदि सील होने के बावजूद आप सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करेंगे
तो फिर कोरोना कभी भी और किसी समय आपको ग्रसित कर लेगा। वह ऐसे लोग हैं, जिनके घर एक-दूसे से लगे हैं। वह आपस में मिलते रहे, एक-दूसरे के घर भी आते-जाते रहे। सरकार द्वारा किसी क्षेत्र
को हॉटस्पॉट घोषित कर उसे सील कर देना ही पर्याप्त नहीं है। हालांकि सील किए गए क्षेत्रों
में किसी को बाहर जाने की अनुमति नहीं है। वहां पुलिस या अन्य सामाजिक संस्थाएं उनके
लिए आवश्यक सामानों की आपूर्ति कर रही हैं। दुखद पहलू यह भी है कि थोड़ी-सी छूट सामान लेने की भी लोग मिलने-जुलने में कर रहे
हैं और सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे हैं। इसे हर हाल में रोकना होगा। दिल्ली
में कोरोना का मुकाबला अच्छे से चल रहा था। पहले निजामुद्दीन ने इसे बिगाड़ा अब जहांगीरपुरी
व तुगलकाबाद जैसे इलाकों ने सरकार की कोशिशों पर पानी फेर दिया। यह संभव नहीं है कि
अधिकारी किसी मोहल्ले के एक-एक घर पर नजर रखें, पड़ोसियों के आपस में मिलने-जुलने को रोक पाएं। जहांगीरपुरी
की घटना यह बताती है कि ऐसा न किए जाने से स्थिति कितनी विस्फोटक हो सकती है। कल्पना
कीजिए कि अगर दिल्ली की कई सारी गलियों में एक साथ ऐसा हो जाए तो फिर कितनी विस्फोटक
स्थिति बनेगी? एक जिम्मेदार नागरिक के नाते हम सबको भी समझना
होगा कि हमारी, हमारे परिवार, रिश्तेदार
सबकी जिंदगी का सवाल है। जब तक हमें खुद को इस बात का एहसास नहीं होगा तब तक कोरोना
पर विजय पाना मुश्किल हो जाएगा। नियमों का सख्ती से पालन करें।
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