Saturday 18 April 2020

डब्ल्यूएचओ ने रमजान पर जारी की एडवाइजरी

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कोरोना वायरस कोविड-19 के मद्देनजर अगले सप्ताह से शुरू हो रहे रमजान के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। संगठन ने कहा है कि जहां तक संभव हो धार्मिक आयोजन और समूह एकत्र होने से बचें। इसके बदले आयोजनों के लिए इलैक्ट्रॉनिक माध्यमों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यदि आयोजन किया भी जाता है तो इनमें शामिल होने वालों की संख्या बेहद कम हो और सामाजिक दूरी तथा स्वच्छता के नियमों का पालन हो। मुस्लिम कैलेंडर के रमजान का पवित्र महीना 24 अप्रैल से शुरू हेने वाला है। पूरे महीने मुस्लिम समुदाय के लोग दिनभर उपवास रखते हैं और शाम को एक साथ इफ्तार में शामिल होकर रोजा खोलते हैं। साथ ही मस्जिदों में जाकर एक साथ नमाज पढ़ने की भी परंपरा है। दिशानिर्देशों में कहा गया है कि हर हाल में लोगों के बीच कम से कम एक मीटर की आपसी दूरी रखी जानी चाहिए। साथ ही इफ्तार के दौरान पहले से पैक खाने में अलग-अलग पैकेट देने की व्यवस्था करनी चाहिए। वजू के लिए पानी और साबुन की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाए। उसने सलाह दी है कि मस्जिदों में नमाज पढ़ते समय बैठने के लिए हर व्यक्ति को अपनी-अपनी चटाई लाने की कोशिश करनी चाहिए। डब्ल्यूएचओ ने कहा है कि उपवास के कोरोना वायरस से किसी प्रकार के संबंध के बारे में कोई अध्ययन नहीं है, लेकिन लोगों को अपना स्वास्थ्य बनाए रखना चाहिए। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्यमंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने भी यही अपील की है। नकवी ने सभी राज्य वक्फ बोर्डों के अधिकारियों से कहा कि रमजान के पवित्र महीने में इबादत, इफ्तार, तराबी एवं अन्य धार्मिक गतिविधियों में केंद्रीय गृह मंत्रालय, राज्य सरकारों एवं सेंट्रल वक्फ काउंसिल के दिशानिर्देशों का पालन सुनिश्चित कराने में सक्रिय भूमिका निभाएं। नकवी ने कहा कि कोरोना की चुनौतियों के मद्देनजर देश के सभी मंदिरों, गुरुद्वारों, चर्चों एवं अन्य धार्मिक-सामाजिक स्थलों पर भीड़भाड़ वाली सभी धार्मिक-सामाजिक गतिविधियां रुकी हुई हैं।

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