पिछले साल के अंत से चीन के वुहान से शुरू हुआ कोरोना
वायरस का संक्रमण पूरी दुनिया में फैल चुका है। दुनिया के सबसे शक्तिशाली, हर लिहाज से विकसित अमेरिका में यह
इतनी तेजी से फैल रहा है कि अमेरिका ने अब चीन को भी पछाड़ दिया है। विश्व में कोरोना
वायरस से संक्रमित सबसे ज्यादा लोग फिलहाल अमेरिका में हैं और शनिवार को इस विषाणु
से मरने वालों की संख्या रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई। जानस हापकिन्स विश्वविद्यालयों
के ट्रैकर ने यह आंकड़े सामने रखे हैं। देश में पिछले 24 घंटों
में कोविड-19 बीमारी के कारण 450 से ज्यादा
लोगों की मौत हो गई। शुक्रवार के दिन अमेरिका में 263 मौतें दर्ज
की गईं। शनिवार को जानस हापकिन्स ने अमेरिका में 1,21,000 मामले
दर्ज किए। इसमें महज एक दिन में 21,309 मामले हैं जो अपने आपमें
एक रिकॉर्ड है। चीन में यह संख्या 81,285 और इटली में 80,589
रही। हालांकि यह भी अहम तथ्य है कि अमेरिका कोरोना वायरस महामारी से
प्रभावित अन्य देशों की तुलना में बड़े पैमाने पर लोगों का परीक्षण कर रहा है। लेकिन
33 करोड़ की आबादी वाले अमेरिका ने अब चीन और इटली को काफी पीछे
छोड़ दिया है। व्हाइट हाउस में महामारी के समन्वयक डॉ. वेबराह
बीरक्स ने बताया कि अब हमारे यहां 3,70,000 परीक्षण हो चुके हैं।
इनमें से अधिकांश पिछले आठ दिनों में 2,20,000 मामलों से अधिक
हैं। न्यूयॉर्प इस बीमारी का एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा है। अमेरिका में इस
प्रकोप से सर्वाधिक प्रभावित न्यूयॉर्प है
जहां 50,000 से ज्यादा मामले या देश में संक्रमण के तकरीबन आधे
मामले हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को कहा कि वह पूरे राज्य (न्यूयॉर्प) में आवाजाही प्रतिबंधित करने यानि न्यूयॉर्प
का लॉकडाउन करने के बारे में विचार कर रहे हैं। हालांकि देर रात उन्होंने अपना विचार
बदल लिया और कहा कि लॉकडाउन की फिलहाल जरूरत नहीं है। आंकड़ों के मुताबिक इटली में
हुई 10,023 मौतें, स्पेन में 5,812,
चीन में 3,299 और फ्रांस के 2,317 की तुलना में कुछ कम हैं। चीन ने शुक्रवार को दावा किया कि बृहस्पतिवार को
तीन दिन बाद कोरोना वायरस का सिर्प एक घरेलू मामला सामने आया है जबकि 54 मामले उड़ानों के जरिये दूसरे देशों से पहुंचे लोगों का है। चीन से शुरू हुआ
कोरोना वायरस का संक्रमण अब पूरी दुनिया में पहुंच चुका है, जबकि
चीन में इसका प्रकोप अब खत्म हो रहा है। इस बीच चीनी फैक्ट्रियों को एक नया और भरपूर
मुनाफा देने वाला काम मिल गया है। फैक्ट्रियों में बड़ी मात्रा में फेस मास्क बनाए
जा रहे हैं जिन्हें दूसरे देशों को निर्यात किया जा रहा है। पहले कोरोना फैलाया,
अब मास्क बेचकर नोट छाप रहा है चीन।
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