Wednesday, 22 April 2020

सिर्प एक महीने की ट्यूशन फीस ले सकते हैं

हम दिल्ली सरकार के इस फैसले का तहेदिल से स्वागत करते हैं जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि बिना सरकार की अनुमति के बच्चों की स्कूल फीस आप नहीं बढ़ा सकते। यही नहीं, स्कूल तीन माह की फीस एक साथ वसूलने के बजाय अब एक-एक महीने की फीस ले सकेंगे। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने डिजिटल प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि सभी प्राइवेट स्कूलों को आदेश दिया गया है कि वह सरकार से बिना अनुमति लिए स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकते हैं। स्कूल तीन-तीन महीने की फीस एक साथ वसूलने की बजाय अब सिर्प महीनेवार ट्यूशन फीस ही वसूल सकेंगे। यह स्कूल ट्यूशन फीस के अलावा ट्रांसपोर्ट फीस, वार्षिक शुल्क या कोई अन्य शुल्क भी नहीं वसूल सकेंगे। फीस न जमा करने पर स्कूल किसी छात्र को ऑनलाइन क्लास की सुविधा से वंचित भी नहीं कर सकते। इसके साथ ही सरकार ने यह भी स्पष्ट किया है कि इन आदेशों का पालन न करने वाले निजी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। निश्चित रूप से अभिभावकों के लिए यह आदेश राहत प्रदान करेगा, सिसोदिया ने कहा कि कोरोना की वजह से मुख्य रूप से आर्थिक और शिक्षा के सेक्टर ज्यादा प्रभावित हुए हैं। आर्थिक स्तर पर भी बहुत सारे काम हो रहे हैं। शिक्षा के मामले में दिल्ली सरकार ने सभी सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं शुरू कर दी हैं। उसमें आईफोन और ऑनलाइन समेत कई माध्यमों से कक्षाएं ली जा रही हैं। साथ ही और कदम उठाने की तैयारी है। सिसोदिया ने कहा कि प्राइवेट स्कूल दिल्ली समेत पूरे भारत में कंपनियों द्वारा नहीं संचालित किए जाते हैं, बल्कि एक ट्रस्ट/संस्थाओं द्वारा संचालित किए जाते हैं। दिल्ली सरकार को कई जगह से शिकायत मिल रही है कि कुछ स्कूल बढ़ाचढ़ा कर फीस मांग रहे हैं। सरकार की अनुमति लिए बिना बहुत से स्कूलों ने फीस बढ़ा दी है। कई स्कूलों ने पूरे-पूरे क्वार्टर की फीस मांग रखी है। शिकायत मिली है कि किसी छात्र ने फीस नहीं दी है तो उनकी ऑनलाइन क्लासें बंद करा दी हैं। सिसोदिया ने कहा कि इन शिकायतों के बाद सीएम ने फैसला किया है कि किसी भी प्राइवेट हो चाहे वह सरकारी जमीन पर चल रहा हो या निजी जमीन पर चल रहा है, उसको फीस बढ़ाने की इजाजत नहीं दी जाएगी। सरकार से पूछे बिना कोई स्कूल फीस नहीं बढ़ा सकता है। कोई भी स्कूल तीन महीने की फीस नहीं मांगेगा। स्कूल सिर्प ट्यूशन फीस की मांग करेगा। वह भी महीनेवार लेंगे। मौजूदा हालात में यदि कोई अभिभावक फीस नहीं दे पाता तो छात्र को ऑनलाइन शिक्षा से वंचित नहीं किया जाना चाहिए और न ही स्कूल द्वारा उस छात्र या अभिभावक पर फीस के लिए दबाव बनाया जाना चाहिए। सभी स्कूलों को यह कोशिश करनी चाहिए कि इस मुश्किल समय में बच्चों को पढ़ाई से वंचित न किया जाए। सरकार के आदेशों का उल्लंघन करने पर स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी सुनिश्चित की जानी चाहिए।

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