Wednesday, 8 April 2020

कोरोना के पीछे हो सकती है चीनी लैब

दुनियाभर में कोरोना फैलाकर मानवता के खिलाफ जघन्य अपराध करने के लिए इंटरनेशनल काउंसिल ऑफ ज्यूरिस्ट (आईसीजे) ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएमआरसी) से चीन के खिलाफ कार्रवाई का अनुरोध किया है। लंदन स्थित आईसीजे के प्रेजिडेंट और ऑल इंडिया बार एसोसिएशन के चेयरमैन आदिश सी. अग्रवाल ने शिकायत दर्ज कर यूएनएचआरसी से तत्काल दखल देने और चीन को दुनिया खासकर भारत की क्षतिपूर्ति देने का निर्देश देने की मांग की है। शिकायत में कहा गया है कि कोरोना का प्रसार रोक पाने में चीनी सरकार की निक्रियता से दुनियाभर में मंदी, खरबों डॉलर का नुकसान, भारत और दुनिया में करोड़ों कामगारों में बेरोजगारी की स्थिति पैदा हो गई है। आदिश अग्रवाल ने संयुक्त राष्ट्र का ध्यान इस तथ्य की ओर आकर्षित कराया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन सरकार की साजिश की वजह से कोविड-19 को महामारी करार दिया है। चीन की इस साजिश का मकसद जैविक युद्ध के जरिये खुद को सुपर पॉवर के तौर पर स्थापित करना और डब्ल्यूएचओ एवं शेष दुनिया को अलर्ट नहीं करके अन्य देशों को कमजोर करना है। आईसीजे प्रेजिडेंट ने आगे कहाöचीन ने करोड़ों लोगों की जिंदगी खतरे में डाल दी है और दुनियाभर में कारोबार को बिल्कुल ठप कर दिया है। कोरोना वायरस के प्रसार के बारे में जानकारी देने में पारदर्शिता का आभाव और लगातार गुमराह करने वाले बयानों ने पूरी विश्व बिरादरी के मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन किया। लिहाजा यूनिवर्सल डिक्लरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स के अनुच्छेद 21 के तहत तत्काल हस्तक्षेप करके चीन के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। आदिश अग्रवाल के मुताबिक यह अभी भी रहस्य है कि चीन के सभी प्रांतों में कोरोना वायरस कैसे नहीं फैला, लेकिन उसी समय यह दुनिया के सभी देशों में फैल गया। कोरोना वायरस चीन के एनिमल मार्केट से फैला, इस थ्यौरी पर अभी भी लोग भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। वायरस के प्रसार की वजह पता लगाने के लिए सरकारें जासूसी भी कर रही हैं। ब्रिटेन सरकार को खुफिया जानकारी मिली है कि वायरस का संक्रमण पहले चीनी लैब से जानवरों में हुआ और उसके बाद वह इंसानों में फैला, जो घातक रूप ले चुका है। ब्रिटेन के शीर्ष सरकारी सूत्र का कहना है कि भले ही अब तक वैज्ञानिक सुझाव यही रहा हो कि वायरस वुहान के पशु बाजार से इंसानों में फैला, लेकिन चीनी लैब से लीक के फैक्टर को दरकिनार नहीं किया जा सकता है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक बोरिस जॉनसन द्वारा गठित आपात कमेटी कोबरा के एक सदस्य ने कहा कि पिछली रात खुफिया सूचना मिली, जिसके मुताबिक इस बात को लेकर कोई दो राय नहीं है कि वायरस जानवरों से ही फैला है, लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया गया है कि वायरस वुहान की लैब से लीक होकर ही सबसे पहले इंसानों में फैला था। कोबरा की सिक्यूरिटी सर्विस ने इस संबंध में डिटेल जानकारी दी है। इसमें कहाöवायरस की प्रकृति को लेकर यह विश्वसनीय वैकल्पिक विचार है। संभवत यह महज संयोग नहीं है कि वुहान में लैब मौजूद है। इस तथ्य को छोड़ा नहीं जा सकता। वुहान में इंस्टीट्यूट ऑफ बॉयोलॉजी मौजूद है। चीन में यह सबसे एडवांस लैब है।

-अनिल नरेन्द्र

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