कोरोना महामारी को रोकने के लिए
जारी लॉकडाउन के बीच महिला आयोग के पास आने वाली अपराध की शिकायत में काफी गिरावट आ
रही है। हालांकि दुखद बात यह है कि दुष्कर्म और पॉस्को के मामले फिर भी रिपोर्ट किए
जा रहे हैं। हालांकि आयोग का कहना यह भी है कि पीड़िता डर या अपराधी से दूर जाकर शिकायत
दर्ज नहीं करवा रही है। आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल का कहना है कि जब पूरा देश कोरोना
से लड़ रहा है तब भी रेप, साइबर क्राइम, घरेलू हिंसा के मामले सामने आ रहे हैं। डीसीडब्ल्यू की तरफ से मंगलवार को
181 पर आने वाली शिकायतों को लेकर एक निष्कर्ष निकाला है। इसमें सामने
आया कि छेड़छाड़, यौन उत्पीड़न, पीछा करने
आदि के मामलों में गिरावट आई है। आयोग को 12 मार्च और
24 मार्च के बीच प्रतिदिन छेड़छाड़ से संबंधित औसतन छह शिकायतें मिलीं,
जिनकी लॉकडाउन के समय संख्या औसतन दो-तीन शिकायतें
प्रतिदिन हो गई हैं। इस श्रेणी की शिकायतों की संख्या में यह 66 प्रतिशत की गिरावट है। दुष्कर्म के मामलों में भी लगभग 71 प्रतिशत की कमी आई है। आयोग को आम दिनों में जहां औसतन तीन-चार शिकायतें प्राप्त होती थीं, वो संख्या अब प्रतिदिन
अधिकतम एक-दो शिकायतों पर आ गई है। आयोग के पास अपहरण के मामलों
की शिकायत में भी 90 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है। स्वाति
मालीवाल ने बताया कि उनकी महिला हेल्पलाइन और रेप क्राइसिस सेल 24 घंटे काम कर रही है। आयोग को लॉकडाउन के दौरान हर दिन लगभग 1400 कॉल मिल रही हैं। महिला पंचायत की टीमें राशन पाने में महिलाओं और उनके परिवारों
की मदद कर रही हैं, खासतौर पर जेजे कलस्टर इलाकों में। आयोग की
हेल्पलाइन 181 को औसतन रोजाना 1500-1800 कॉल मिलती हैं। लॉकडाउन के दौरान 26 मार्च से
31 मार्च के बीच आयोग को सबसे ज्यादा कॉल मिलीं। 27 मार्च को 4341 कॉल, 28 मार्च को
5522 कॉल और 29 और 30 मार्च
को 3000 से ज्यादा कॉल मिलीं। आयोग की चीफ स्वाति मालीवाल का
कहना है कि राजधानी में अपराधों की संख्या में गिरावट आई है। फिर भी महिलाओं के साथ
बलात्कार, घरेलू हिंसा, पॉस्को और साइबर
क्राइम के मामले आ रहे हैं। हम टीम और पुलिस की मदद से काम कर रहे हैं। स्वाति मालीवाल
ने कहा कि लॉकडाउन में भले ही अपराधों की संख्या में गिरावट आई है। लेकिन चिंता की
बात है कि ऐसे कठिन समय में भी महिलाओं और लड़कियों के साथ दुष्कर्म, घरेलू Eिहसा और अन्य के खिलाफ अपराध अभी भी हो रहे हैं।
हम लोगों से अपील करते हैं कि इस मुश्किल की घड़ी में थोड़ी तो मानवता दिखाएं।
-अनिल नरेन्द्र
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