देश में जारी कोरोना के
कहर के बीच गृह मंत्रालय ने राज्यों को एक चिट्ठी लिखी है। इसमें कहा गया है कि ऐसी
रिपोर्ट है कि निजामुद्दीन मरकज शिविर में तबलीगी जमात के लोगों के साथ कुछ रोहिंग्या
भी शामिल हुए थे। राज्यों के चीफ सेकेटरी, डीजीपी
और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को लिखी चिट्ठी में कहा गया है कि ऐसी रिपोर्ट है कि रोहिंग्या
मुस्लिम तबलीगी जमात के धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल हुए थे। ऐसी संभावना है कि वह
कोरोना संक्रमित हो सकते हैं। हैदराबाद के कैंप में रहने वाले रोहिंग्या हरियाणा के
मेवात में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे और वह निजामुद्दीन मरकज
भी गए थे। गृह मंत्रालय ने अपनी चिट्ठी में आगे लिखा है, ठीक
उसी तरह दिल्ली के श्रम विहार और शाहीन बाग में रहने वाले रोहिंग्या भी तबलीगी जमात
के कार्यक्रम में गए थे, जो अपने कैंपों में वापस नहीं आए हैं।
मंत्रालय ने कहा है कि इसके अलावा तबलीगी जमात के कार्यक्रम में भाग लेने के बाद रोहिंग्या
मुसलमानों की उपस्थिति पंजाब के डेरा बस्सी और जम्मू में होने की भी खबर है। इसलिए
रोहिंग्या मुस्लिम और उनके संपर्प में आए लोगों की क्रीनिंग जरूरी है। राज्यों को इस
दिशा में जरूरी कदम जल्द से जल्द उठाना चाहिए। बता दें कि दिल्ली में कोरोना संक्रमित
कुल मामलों में से 63 प्रतिशत मरकज निजामुद्दीन तबलीगी जमात कार्यक्रम
से जुड़े हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 23 राज्यों में
जमात के कार्यक्रम की वजह से कोरोना के मरीज दिल्ली में बढ़े। दिल्ली में
63 प्रतिशत मरीज इसी कार्यक्रम से जुड़े हैं।
-अनिल नरेन्द्र
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