Published on 9 December, 2012
कांग्रेस आए दिन भाजपा के भावी प्रधानमंत्री पर तो सवाल-जवाब करती रहती है पर जनता को कांग्रेस यह भी तो बताए कि 2014 के चुनाव में उसका प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार कौन होगा? अभी तक तो हमें यही इप्रेशन था कि युवराज राहुल गांधी कांग्रेस के भावी प्रधानमंत्री हैं पर इस रेस में वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम कहां से टपक पड़े? इस कड़ी में नया अध्याय तब जुड़ गया जब ब्रिटिश मैगजीन `द इकॉनामिस्ट' ने लिख दिया कि अगर कांग्रेस तीसरी बार सत्ता में आई तो वित्त मंत्री पी. चिदम्बरम पीएम पोस्ट के कैंडिडेट हो सकते हैं। मैगजीन के मुताबिक अगला लोकसभा चुनाव इकॉनमी यानि अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर केंद्रित हो सकता है। बीजेपी के सम्भावित कैंडिडेट नरेन्द्र मोदी को एक अच्छा इकॉनामिक मैनेजर माना जाता है, ऐसे में कांग्रेस की ओर से चिदम्बरम को कैंडिडेट बनाया जा सकता है। कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने इस पर तुरन्त रिएक्ट करते हुए कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री पद के लिए उम्मीदवार घोषित नहीं करती। एक अन्य प्रश्न पर उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी नेता के पीएम बनने की सम्भावना को नकारा नहीं जा सकता। पत्रिका ने कहा है कि मौजूदा पीएम मनमोहन सिंह 2014 तक 80 वर्ष के पार हो जाएंगे और कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी अभी इस पद पर आने के लिए तैयार नहीं हैं। इस स्थिति में चिदम्बरम कांग्रेस के पीएम पद के उम्मीदवार हो सकते हैं क्योंकि वह देश को आर्थिक चुनौतियों से आगे ले जाने में सक्षम साबित हो रहे हैं। इकॉनामिस्ट की इस रिपोर्ट से कांग्रेस में तूफान मच गया। चिदम्बरम के विरोध में कांग्रेस के एक सांसद सज्जन सिंह वर्मा ने तो यहां तक कहा कि यदि अगले आम चुनाव में चिदम्बरम को पार्टी की ओर से पीएम पद का उम्मीदवार घोषित किया जाता है तो उन्हें कांग्रेस में रहने के अपने फैसले पर दोबारा सोचना पड़ेगा। कांग्रेस से जुड़े सूत्रों से जानकारी मिली है कि प्रधानमंत्री पद के लिए जिस तरह से इकॉनामिस्ट ने चिदम्बरम को प्लांट किया है। उसका दस जनपथ ने गम्भीर नोटिस लिया है। अन्दर ही अन्दर पूरी पार्टी में चिदम्बरम के इन शातिर प्रयासों के प्रति घमासान मचा हुआ है। कहा जा रहा है कि चिदम्बरम के ये प्रयास कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी को `सुपर सीड' करने के लिए हैं। राहुल को साइड लाइन किया जाना न टॉप कांग्रेसी नेताओं और न ही आम जमीनी कांग्रेस वर्पर को रास आ रहा है। राहुल कांग्रेस को सफल बनाने के लिए गम्भीरतापूर्वक लगे हुए हैं लेकिन माना जा रहा है कि खुद को पीएम पद की रेस में जोड़कर चिदम्बरम बेनकाब हो गए हैं और कांग्रेस का एक वर्ग तो उन्हें मंत्री पद से चलता करने की मुहिम चलाने को तैयार है। कांग्रेसी क्षेत्रों में चर्चा है कि यह वही चिदम्बरम हैं जिन्होंने श्री राजीव गांधी की नृशंस हत्या के बाद कांग्रेस से किनारा करते हुए तमिल मनीला कांग्रेस बना ली थी। अनेक कांग्रेसियों के बीच यह चर्चा है कि राजीव जी की हत्या के बाद चिदम्बरम को अपना राजनीतिक मकसद पूरा होता दिखाई दे रहा था। आज की तारीख में अब वह इतने शातिर हो गए हैं कि प्रधानमंत्री पद के लिए अभी से ब्रिटेन के अखबारों का सहारा लेने लगे हैं।
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