Published on 26 December, 2012
रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन इन दिनों भारत यात्रा पर आए हुए हैं। सोमवार को भारत और रूस ने 42 सुखोई लड़ाकू विमानों और 71 मीडियम लिफ्ट हेलीकॉप्टरों के चार अरब डॉलर मूल्य के रक्षा सौदे पर हस्ताक्षर किए। इसके तहत रूस के आधुनिकतम सुखोई-30 एमकेआई युद्धक विमानों का भारत में उत्पादन होगा तथा रात में सैन्य कार्रवाई करने में सक्षम 71 सैनिक हेलीकॉप्टर रूस से खरीदे जाएंगे। रूसी राष्ट्रपति और भारतीय प्रधानमंत्री ने सोमवार को दोनों देशों की 13वीं शिखर बैठक में द्विपक्षीय संबंधों पर भी चर्चा की। इस दौरान दोनों देशों के बीच रणनीतिक व व्यापारिक संबंधों को और मजबूत करने के लिए करीब 10 समझौतों पर करार हुए। ब्लादिमीर पुतिन हमारे सम्मान के हकदार हैं। वर्ष 2000 में सत्ता सम्भालने के बाद उन्होंने भारत-रूस संबंधों को येल्तसिन युग से बाहर निकालकर एक नई दोस्ती की शुरुआत की। यह राष्ट्रपति पुतिन की पांचवीं भारत यात्रा है जिससे पता चलता है कि रूस भारत को कितना महत्व देता है। स्ट्रेटेजिक सेक्टर में रूस ने पिछले दशकों में सबसे अधिक आधुनिकतम विमान, टैंक, रॉकेट लांचर, कूज मिसाइलें, युद्धपोत आदि मुहैया करवाए जिससे भारत को अपनी सुरक्षा करने में मजबूती मिली। पुतिन और मनमोहन सिंह के बीच अब तक इतनी मुलाकातें हो चुकी हैं और दोनों नेताओं ने निजी तौर पर इतना गहरा दोस्ताना संबंध कायम कर लिया है कि द्विपक्षीय सहयोग की कोई चाहे कितनी भी जटिल समस्या क्यों न हो, वह उनके लिए एक टेढ़ी खीर कभी नहीं हो सकती। भारत और रूस के बीच संबंध अत्यंत मैत्रीपूर्ण हैं, मास्को में भारत के राजदूत अजय मल्होत्रा ने पुतिन की भारत यात्रा से पहले मास्को में कहा ः चाहे सरकारी स्तर पर हो या जन स्तर पर, दोनों देशों के बीच संबंध बहुत अच्छे हैं। सर्वविदित है कि भारत और रूस के बीच सैनिक-तकनीकी सहयोग दोनों देशों की रणनीतिक भागीदारी का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन चुका है। व्यापारिक और आर्थिक सहयोग के क्षेत्र में दोनों देशों ने 2015 तक कुल वार्षिक आवर्त को 20 अरब डॉलर करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस वर्ष के अन्त तक इसका लगभग 12 अरब डॉलर होने का अनुमान है। एक दिसम्बर 2012 से 30 नवम्बर 2013 तक रूस विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के समूह जी-20 की अध्यक्षता करेगा। जी-20 की अध्यक्षता करने के बाद रूस और प्रभावशाली बनकर उभरेगा। कुछ लोगों का तो यह कहना है कि इस समय पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था रूस के हाथ में है। रूस के विश्व व्यापार संगठन का अध्यक्ष बन जाने के बाद इस क्षेत्र में भारत-रूस सहयोग की नई सम्भावनाएं पैदा होंगी। दोनों देशों के कारोबारियों के बीच सम्पर्प और सहयोग बढ़ाने हेतु भारत ने हाल ही में वीजा नियमों को भी और सरल बना दिया है, जो व्यापार आवर्त की वृद्धि में काफी सहायक सिद्ध होगा। हम राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा का स्वागत करते हैं। रूस सदा से भारत का ऐसा मित्र रहा है जिस पर भारत आंख बन्द करके विश्वास कर सकता है। बेशक आज की तारीख में अमेरिका एक सुपर पॉवर है पर रूस का अपना ही महत्व है। पुतिन के नेतृत्व में रूस हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है और जल्द विश्व में अपना खोया स्थान हासिल कर लेगा।
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