Vir Arjun, Hindi Daily Newspaper Published From Delhi
Published on 19 December, 2012
अयोध्या के 99 प्रतिशत लोगों का मानना है कि मंदिर-मस्जिद विवाद का राजनीतिकरण हुआ है और 42 प्रतिशत लोगों ने इसके लिए कांग्रेस को तथा 26 प्रतिशत ने भारतीय जनता पार्टी को जिम्मेदार ठहराया है। 42 प्रतिशत अयोध्यावासी मंदिर-मस्जिद विवाद का हल कानून के माध्यम से कराना चाहते हैं जबकि 40 प्रतिशत लोग वार्ता के जरिये विवाद सुलझाना चाहते हैं। 18 प्रतिशत लोग किसी भी तरह का समाधान नहीं चाहते। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य जो उभरकर आया है वह यह है कि अयोध्या में 95 प्रतिशत लोग राम जन्मभूमि मंदिर के निर्माण के पक्ष में हैं और 93 प्रतिशत निवासी मंदिर-मस्जिद अगल-बगल में बनाए जाने के विरुद्ध हैं। दिल्ली पत्रकार संघ (उत्तर प्रदेश जर्नलिस्ट एसोसिएशन की अयोध्या इकाई) मीडिया एसोसिएशन कार सोशल सर्विस तथा अयोध्या फाउंडेशन ने मिलकर दो चरणों में अयोध्या के निवासियों की राय जानने के लिए 5000 निवासियों से बात की और फार्म भरवाकर यह सर्वेक्षण किया। प्रथम चरण का सर्वेक्षण पिछले वर्ष राज्य विधानसभा चुनावों के दौरान किया गया जबकि दूसरा चरण पिछले माह नवम्बर में किया गया है। दिल्ली पत्रकार संघ द्वारा जारी की गई विज्ञप्ति के अनुसार मंदिर-मस्जिद विवाद का राजनीतिकरण किए जाने के लिए 42 प्रतिशत लोग कांग्रेस को, 26 प्रतिशत लोग भाजपा को, 16 प्रतिशत लोग समाजवादी पार्टी को तथा आठ प्रतिशत मुस्लिम संगठनों को जिम्मेदार मानते हैं। पांच प्रतिशत ने विश्व हिन्दू परिषद सहित हिन्दू संगठनों को जिम्मेदार ठहराया है। सर्वेक्षण में 95 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि जहां रामलल्ला की मूर्ति है वहीं राम मंदिर बनाया जाए जबकि चार प्रतिशत लोग वहां सर्वधर्म स्थल स्मारक के निर्माण के पक्ष में हैं। एक प्रतिशत लोगों ने उस स्थल को लेकर कोई राय प्रकट नहीं की है। 98 प्रतिशत लोग विवादित स्थान को राम जन्मभूमि मानते हैं और इतने ही इसको आस्था का विषय मानते हैं जबकि दो प्रतिशत इसे राजनीतिक मुद्दा मानते हैं।
हम अयोध्यावासियों की इच्छा का सम्मान करते हैं और चाहते हैं कि अयोध्या में एक भव्य श्रीराम मंदिर बने पर इसके लिए अब और खून न बहे। बहुत हो चुका। राजनीति भी बहुत हो चुकी। बेहतर है कि राजनीतिक दल चाहे वह कांग्रेस हो या भाजपा या सपा सभी इससे दूर रहें। श्रीराम करोड़ों भारतवासियों के दिलो-दिमाग में बसे हुए हैं। यह नहीं कि हमारे मुस्लिम, सिख भाई श्रीराम को नहीं मानते। सभी मानते हैं। हम अपने मुसलमान भाइयों, मुस्लिम धर्मगुरुओं और संगठनों से अपील करते हैं कि वह सब हिन्दू साधू-संतों, अयोध्या निवासियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर एक भव्य श्रीराम मंदिर का निर्माण कराएं। रही बात मस्जिद की तो वह भी बने और इसमें सभी हिन्दू धर्मगुरु, संगठन और अयोध्या निवासी मदद करें। मस्जिद थोड़ी हटकर बन सकती है क्योंकि मंदिर का निर्माण तो सही स्थान पर होना चाहिए जो रामलल्ला का जन्म स्थान है। हम उम्मीद करते हैं कि इस पर अदालतें भी जल्दी फैसला करेंगी और यह मुद्दा हमेशा-हमेशा के लिए खत्म हो जाए। जय श्रीराम।
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