Thursday, 12 November 2020
जेलों में क्षमता से 75 हजार अधिक कैदी
देश के कारगारों की स्थिति पर राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) ने 2019 की रिपोर्ट हाल में जारी की है। नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि 4.03 लाख कैदियों की वास्तविक क्षमता वाली जेलों में 4.78 लाख कैदी बंदी हैं। यानि की जेलों में क्षमता से 75 हजार कैदी अधिक हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार 2019 में 4.78 लाख कैदियों में से 4.58 लाख पुरुष और 19,913 महिलाएं थीं। यही नहीं, 31 दिसम्बर 2019 तक जेलों में 60,788 कार्मिक ही थे। यानि कि जेलों के लिए स्वीकृत कुल 87,599 कार्मिक पदों के मुकाबले 26,811 कर्मचारी कम हैं। देश की जेलों की कुल संख्या क्रमश 2017, 2018 और 2019 के अंत में 1361, 1339 और 1350 थी। आंकड़ों के अनुसार इस अवधि के दौरान जेल भरने की दरें क्रमश 115.1 प्रतिशत, 117.6 प्रतिशत और 118.5 प्रतिशत बढ़ी। जेल कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या 87,599 थी, जबकि 2019 के अंत तक वास्तविक संख्या 60,787 थी। जेलों में अधिकारियों की स्वीकृत संख्या 7,239 है लेकिन सिर्फ 4,840 पद भरे हैं। इसी प्रकार जेल काडर स्टाफ और सुधारक कर्मचारियों के लिए स्वीकृत पद क्रमश 72,273 और 1,307 थी, जबकि उनकी वास्तविक तैनाती क्रमश 51,126 और 761 थी। वहीं जेल में मेडिकल स्टाफ की संख्या 3,320 है जबकि वास्तविक तैनाती 31 दिसम्बर 2019 तक 1,962 थी। कैदियों की सबसे अधिक संख्या केंद्रीय जेलों में 2.20 लाख और उसके बाद जिला जेलों में 2.06 लाख और सब जेलों में 38,030 दर्ज की गई। महिलाओं की जेलों में कुल कैदियों की संख्या 3,652 थी। सबसे अधिक जेल भराव दर जिला जेलों में 129.7 प्रतिशत और उसके बाद केंद्रीय जेलों 123.9 प्रतिशत और उप जेलों में 84.4 प्रतिशत में थी।
-अनिल नरेन्द्र
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