Tuesday, 10 November 2020

लहरा रहे हैं भारतवंशी अमेरिकी महिलाओं के झंडे

अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भारतीय मूल के अमेरिकी मतदाताओं और प्रत्याशियों, दोनों ने ही अपनी ताकत और प्रभाव का बेहतरीन प्रदर्शन किया है। भारतीय महिला प्रत्याशियों की अच्छी-खासी संख्या रही। डेढ़ दर्जन से अधिक भारतीयों ने सफलता का परचम लहराया है। इनमें पांच महिलाएं भी हैं। दो महिलाओं सहित कुछ भारतीय चुनाव में दमदारी से लड़ने के बाद भी नहीं जीत सकीं। सेंटर फॉर अमेरिकन प्रोग्रेस के अनुसार देश में 20 लाख से ज्यादा भारतीय-अमेरिकन ने इस बार वोट डाले। इनमें से पांच लाख वोटर तो फ्लोरिडा, पेंसिलवेनिया और मिशिगन में हैं। ज्ञात हो कि चार महिलाओंöडॉ. एमी बेरा, प्रमिला जयपाल, रो खन्ना और राजा कृष्णमूर्ति चारों सांसदों को तो प्रतिनिधि सभा के लिए पहले ही चुने जाने की घोषणा हो चुकी है। यह सभी डेमोक्रेटिक सांसद हैं। तीन ऐसे प्रत्याशी हैं, जो अभी जीतने की स्थिति में हैं। पांच महिलाएं ऐसी हैं, जिन्हें प्रांतीय विधायिका में चुना गया है। जेनिफर राजकुमार को न्यूयॉर्क प्रांतीय विधायिका में चुने जाने की पहले घोषणा हो चुकी है। इसके साथ ही नीमा कुलकर्णी केंटकी, केशा राम बरमौर और पद्माकृष्ण को मिशिगन प्रांत की विधायिका के लिए चुना गया है। नीरज अंतानी ओहाइयों में चुनाव जीत गए हैं। उत्तरी कैरोलिना में जय चौधरी को यहां की प्रांतीय विधायिका में दोबारा चुना गया है। भारतवंशियों के जीतने का सिलसिला अन्य राज्यों में भी देखने को मिला है। अमीश शाह एरिजोना में तो निखिल सावल पेंसिलवेनिया में, राजव पुरी मिशिगन और जर्मी कोनी न्यूयॉर्क की प्रांतीय विधायिका में चुने गए हैं। आशा कालरा ऐसी भारतवंशी हैं, जिन्हें लगातार तीसरी बार कैलिफोर्निया प्रांत से चुना गया है। इस प्रकार और भी कई भारतीय मूल के अमेरिकी चुनाव में सफल रहे हैं। हां हमें कमला हैरिस को नहीं भूलना चाहिए जो पहली महिला उपराष्ट्रपति बनी हैं। सभी को तहेदिल से बधाई। -अनिल नरेन्द्र

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