Sunday, 8 November 2020

रेस्तरां-किराने से सामान खरीदना हवाई सफर से ज्यादा खतरनाक

कोविड-19 महामारी के दौरान बाहर भोजन करना और किराने से सामान खरीदना, हवाई यात्रा से अधिक खतरनाक हो सकता है। हाल ही में हुए एक अध्ययन में यह दावा किया गया है। हालांकि कुछ वैज्ञानिकों का कहना है कि इस तरह की तुलना इन बातों की जानकारी के बिना नहीं की जा सकती कि क्या इन प्रत्येक परिदृश्यों में मास्क पहनने और सामाजिक दूरी बनाए रखने संबंधी मानदंडों का ठीक से पालन किया जाता है। अमेरिका के हॉर्वर्ड टीएमयान स्कूल ऑफ पब्लिक हैल्थ के वैज्ञानिकों, एयरलाइंस, हवाई अड्डों और विमान निर्माताओं द्वारा वित्त-पोषित शोध में कहा गया है कि उच्च दक्षता वाले पार्टिकुलेट एयर (एचपीए) फिल्टरों से बने विमानों में वेंटिलेशन प्रणाली के जरिये स्वच्छ और ताजा हवा की आपूर्ति करती है। जो 99 प्रतिशत से अधिक उन कणों को छानती है जो कोविड-19 का कारण बन सकते हैं। हालांकि अमेरिका में मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी) के अर्नोल्ड आई बार्नेट सहित शोधकर्ताओं ने कहा कि एचपीए फिल्टर विमानों में प्रभावी ढंग से काम नहीं करते जैसा कि रिपोर्ट में कहा गया है। स्वास्थ्य और सुरक्षा की समस्याओं पर केंद्रित सांख्यिकी के प्रोफेसर बार्नेट ने बताया कि एचईपीए फिल्टर बहुत अच्छे हैं, लेकिन अमेरिकी एयरलाइंसों के सुझाव के अनुसार प्रभावी नहीं हैं। वह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं हैं और इन फिल्टरों के बावजूद संक्रमण के कई उदाहरण हैं। एमआईटी के वैज्ञानिकों ने कहाöकोविड-19 के लिए किसी भी प्रक्रिया को पूरी तरह से सक्षम नहीं समझा जा सकता। अमेरिका में हॉर्वर्ड मेडिकल स्कूल में मेडिसन विभाग के अबरार करण ने भी विमान में संक्रमण खतरे के बारे में चिन्ता व्यक्त की। करण ने ट्वीट किया कि हवाई यात्रा पर विचार करने वालों के लिए वास्तविकता यह है कि जब विमानों में वेंटिलेशन सिस्टम होता है तो हमें इस बात का अच्छा अनुमान नहीं होता कि विमान में ही कोविड-19 के कितने मामले हैं। उन्होंने कहा कि हम यह पता लगाने के लिए सही तरीके की जांच नहीं कर रहे। रेस्तरां-किराने के सामान खरीदना भी खतरे से खाली नहीं है। यहां पर दिनभर लोग आते-जाते रहते हैं। आपको यह पता नहीं कि इनमें कितने संक्रमित हैं। आपको तो छोड़िए खुद आदमी को पता नहीं होता कि वह संक्रमित हैं और सुपर प्रैडर बन रहा है? बेहतर है कि आप कम से कम इन जगहों पर जाएं। -अनिल नरेन्द्र

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