Wednesday 4 November 2020

मजहबी कट्टरता से जंग को तैयार फ्रांस

दो हफ्ते के भीतर दो आतंकी हमलों का सामना करने वाले फ्रांस ने मजहबी कट्टरता के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है। फ्रांस की एक पत्रिका में प्रकाशित पैगंबर के कार्टून से शुरू हुआ विवाद और बढ़ता जा रहा है। दुनिया के कई देशों में कट्टरता को हवा देने के लिए फ्रांस के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं कई देशों ने फ्रांस का खुलकर समर्थन किया है। दुनियाभर के इस्लामी देशों में विरोध झेल रहे फ्रांस के राष्ट्रपति ऐमेनुएल मैक्रों ने नीस में हुए आतंकी हमले जिसमें एक संदिग्ध हमलावर ने कई लोगों पर चाकू से हमला किया, उस पर कहा कि उनका देश इस्लामी जगत के साथ विवाद में दब्बू नहीं बनेगा। फ्रांस के राष्ट्रपति ने देश के तटवर्ती नगर के नोत्रादाम चर्च के सामने खड़े होकर यह बात कही। इसी चर्च में हुए हमले में कम से कम तीन लोगों की मौत हुई है और इसमें एक महिला का सिर काट दिया गया। बताया कि संदिग्ध हमलावर बार-बार अल्लाह-हू-अकबर चिल्ला रहा था। हमलावर को गिरफ्तार कर लिया गया है। कुछ ही दिन पहले एक शिक्षक का सिर काटा गया था। हाल के कुछ वर्षों में फ्रांस का नीस शहर खतरनाक हमलों का शिकार हुआ है। साल 2016 में यहां एक ट्यूनीशियन ड्राइवर ने लोगों को ट्रक से कुचल दिया था। इस घटना में 86 लोगों की मौत हो गई थी। इससे कुछ ही दिन पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक हमलावर ने एक शिक्षक का सिर काट दिया था। अगली सुबह चर्च में सामूहिक प्रार्थना के दौरान एक पादरी का गला काट दिया गया था। अभी कुछ ही दिन पहले फ्रांस की राजधानी पेरिस में एक हमलावर ने सैमुअल नाम के एक शिक्षक का सिर काट दिया था। सैमुअल एक स्कूल में इतिहास और भूगोल पढ़ाते थे। फ्रांस के राष्ट्रपति ऐमेनुएल मैक्रों ने इस अपराध को इस्लामिक आतंकवाद का नतीजा बताया था। उनके इस बयान पर तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगान ने यहां तक कह दिया था कि मैक्रों का दिमाग खराब हो गया है। इसके अलावा अरब देशों में फ्रांसीसी उत्पादों का बहिष्कार करने की अपील की गई है और कई दुकानों में फ्रांस में बने सामान हटा दिए गए हैं। इसी बीच फ्रांसीसी व्यंग्य पत्रिका शार्ली एब्दो ने एर्दोगान का मजाक उड़ाते हुए एक कार्टून प्रकाशित किया और इस कार्टून में टी-शर्ट और अंडर पैंट में दिख रहे एर्दोगान कुर्सी पर बैठे हैं। उनके दाएं हाथ में बीयर है जबकि बाएं हाथ में वो हिजाब पहने एक महिला की स्कर्ट को पीछे से उठाते हुए दिखाए गए हैं। राष्ट्रपति मैक्रों ने कहाöबिल्कुल साफ है कि फ्रांस हमले के निशान पर है। सारे कैथालिको के साथ फ्रांस खड़ा है ताकि वे हमारे देश में पूरी आजादी के साथ हर धर्म का पालन कर सकें और देश में हर धर्म का पालन हो सके। राष्ट्रपति ने घोषणा की कि उनका देश इस्लामी जगत के साथ विवाद में दब्बू नहीं बनेगा। पाकिस्तान, सऊदी अरब और तुर्की जैसे इस्लामी देशों के निशाने पर आए फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों के समर्थन में भारत खुलकर आ गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि न सिर्फ मैक्रों पर किए जा रहे व्यक्तिगत हमलों की हम कड़े शब्दों में निंदा करते हैं, बल्कि कुछ देश जिस तरह से फ्रांस के शिक्षक की हत्या को जायज ठहरा रहे हैं, उसे भी भारत खारिज करता है। हम फ्रांस के लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। आतंकवाद के समर्थन का कोई औचित्य नहीं है।

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