Saturday 28 November 2020

वैवाहिक समारोहों पर नए आदेश से असमंजस पैदा हो गया है

शादियों का सीजन शुरू हो गया है। राजधानी में लगातार बढ़ रहे कोरोना मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने वैवाहिक समारोह में अतिथियों की अधिकतम संख्या 200 से रातोंरात घटाकर 50 करने से शादी वाले परिवारों में तलहका मचा दिया है। इससे शादी करने वाले परिवारों में, टैंट, बैंक्वेट हॉलों, केटरर्स व शादी के कार्ड छापने वालों को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। कई परिवारों ने 200 कार्ड छपवाकर बांट भी दिए हैं। अब उनके लिए समस्या हो गई है कि वह क्या करें, कैसे लोगों को मना करें, किस-किस को इंवीटेशन स्टैंड करता है यह सब समस्या पैदा हो गई है। दिल्ली वेडिंग एंड ग्रीटिंग कार्ड मैन्युफैक्चरर्स के प्रेजिडेंट बिमल जैन ने कहा कि नवम्बर की शादियों के कार्ड तो दीपावली से पहले ही ग्राहकों को दे दिए गए हैं। लेकिन दिसम्बर में होने वाली शादियों के कार्ड अभी भी तमाम कार्ड निर्माताओं के पास पड़े हैं। अब उनके क्लाइंट कार्ड लेने नहीं आ रहे हैं। फोन पर वह कह रहे हैं कि अधिकतम 50 कार्ड लेकर ही जाएंगे। 100-150 कार्ड लेने का कोई फायदा नहीं है। इसका नुकसान भी कार्ड निर्माताओं के ऊपर आ गया है। जब से दिल्ली सरकार का यह आदेश आया है, तभी से कार्ड निर्माताओं में सदमा लगा हुआ है। उनकी समझ नहीं आ रहा कि क्या करें? यही हाल केटरर्स का भी है, टैंट वालों का भी है। कुछ लोगों ने थोड़ा एडवांस दे रखा है और बुकिंग कैंसिल होने पर उसे लौटाने का दबाव बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने आनन-फानन में यह निर्णय लिया है, जिससे बहुत सारे ठेकेदार, कार्ड वालों के सामने बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। वैसे कोरोना और लॉकडाउन की मार से अब तक उबरे नहीं थे। धीरे-धीरे काम उठना शुरू हुआ था। दीपावली से पहले 20 प्रतिशत तक बिजनेस आ रहा था। उम्मीद बंधी थी कि व्यापार में तेजी आएगी। लेकिन अब 50 आदमियों की पाबंदी से सब गड़बड़ा गया है। समारोह में 50 आदमियों का मतलब वर या वधु पक्ष की ओर से 25-25 आदमियों का मतलब तो इतने लोग घर परिवार के ही हो जाते हैं। इस अचानक संख्या घटाने से लोगों को न केवल भारी नुकसान हुआ है बल्कि उन्हें नई समस्या में डाल दिया गया है।

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