Friday, 6 November 2020

कोरोना ः पूरे देश से उलटी दिल्ली की चाल

दिल्ली में ठंड और प्रदूषण में इजाफा होने के साथ चिंता का विषय यह भी है कि कोरोना संक्रमण की दर भी तेजी से बढ़ रही है। दिल्ली में बीते लगभग एक हफ्ते से कोरोना वायरस के मामले कैसे काफी तेजी से बढ़े हैं। रोजाना पांच हजार से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं और अब रिकार्ड 6700 से ऊपर नए केस आ रहे हैं। अब स्थिति यह है कि कोरोना के नए केस के मामले में दिल्ली, महाराष्ट्र से भी आगे निकल चुकी है। दिल्ली के बाजारों में बढ़ती भीड़ और कोरोना से बचाव के नियमों का पालन न करने की वजह से केसों में भारी इजाफा हो रहा है। बीते तीन दिनों का रिकार्ड देखें तो दिल्ली में महाराष्ट्र से ज्यादा नए केस देखे गए हैं। एक दिन तो लगभग महाराष्ट्र के बराबर ही केस आए थे। बता दें कि कोरोना वायरस के मामले में महाराष्ट्र का देश में पहला स्थान है। यहां कोरोना के कुल 17 लाख के करीब केस हैं। पहले यहां रोजाना 10 से 15 हजार नए केस सामने आ रहे थे लेकिन बीते कई दिनों से यहां नए केस चार से छह हजार के बीच देखे जा रहे हैं। दिल्ली में भी नए केस इतने ही सामने आ रहे हैं। गत सप्ताह दिल्ली आपदा प्रबंधन विभाग की बैठक में विशेष समिति की उस रिपोर्ट पर चर्चा हुई थी, जिसमें अनुमान लगाया गया है कि इस महीने के अंत तक रोजाना 12 से 14 हजार नए मामले सामने आ सकते हैं। यह तथ्य है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण की स्थिति बेहद खराब हो गई है। इसके लिए केवल पड़ोसी राज्य पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के कुछ भागों में किसानों द्वारा पराली जलाने के मामलों को ही जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली में वायु प्रदूषण के लिए मोटर वाहनों की भारी संख्या भी बहुत हद तक जिम्मेदार है। ठंड का मौसम और वायु प्रदूषण इन दोनों के कारण कोरोना महामारी में और अधिक उछाल आ सकता है। त्यौहारों के साथ दिल्ली और देश के बड़े हिस्सों में शादी-विवाह के मौसम की भी शुरुआत हो रही है। त्यौहारों और शादी-विवाह इन दोनों समारोहों में सामाजिक दूरी के नियम व मास्क पहनने के नियम का पालन करने में शिथिलता और fिढलाई बरतने की आशंका भी बनी हुई है। अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का निर्वाह करते हुए सरकार ने भी शादी-विवाह और अन्य पारिवारिक समारोहों में महामारी की रोकथाम के लिए बनाए गए नियम व कानून में थोड़ी बहुत ढिलाई दी है। अब ऐसे समारोहों में 50 की बजाए 200 लोग शामिल हो सकते हैं। भारत जैसे देश में लाखों लोग रोजाना नियम कानूनों, कोरोना प्रोटोकॉल का उल्लंघन करते हैं। दिल्ली के बाजारों में आप देख सकते है कि लोग न तो सामाजिक दूरी और न ही मास्क पहनने के नियम का पालन करते हैं बल्कि वह इसकी धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं। आखिर सरकार कितना कर सकती है। अगर जनता सरकार से कोआपरेट नहीं करेगी तो कैसे इन मनहूस कोरोना से लड़ा जाएगा। हालांकि दिल्ली सरकार महामारी के संक्रमण को और अधिक फैलने से रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठा रही है। टेस्ट की संख्या भी बढ़ा दी गई है, लेकिन यह भी सच है कि सरकार अकेले सब कुछ नहीं कर सकती। महामारी को रोकने में सरकार के साथ-साथ नागरिकों की भी भागीदारी सबसे जरूरी है।

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